प्रवासी मजदूर क्या अब वापस नहीं आना चाहते हैं?

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उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा कि कई प्रवासी श्रमिकों ने अपनी घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन लॉकडाउन 4.0 के बाद अब वह अपने गृह निवास स्थान पर वापस नहीं जाना चाहते हैं।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, “जिले में 16 मई से 28 मई तक 58 ट्रेनों और 660 बसों के माध्यम से यहां फंसे करीब एक लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों, मजदूरों और विद्यार्थियों को उनके राज्य निवास स्थान पहुंचाया गया और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।”

 

एलवाई ने कहा, “वहीं, रजिस्ट्रेशन करवाने वाले श्रमिक भाई-बहनों में लॉकडाउन 4.0 के बाद अपने गृह निवास स्थान जाने की रुचि कम हुई है।

 

अब वह यहां रहकर काम करना चाहते हैं। आर्थिक गतिविधियों में सहयोग देने की बात उन्होंने कही है, जो एक अच्छी बात है।”

 

उन्होंने कहा, “हमारा विश्वास है कि जिले में बड़ी औद्योगिक इकाइयों और निर्माण कार्यों के लिए कार्य बल की आवश्यकता में यह सभी अपना योगदान देंगे।”

 

जिलाधिकारी ने कहा, “अब घर वापस नहीं जाने के इच्छुक श्रमिकों की संख्या करीब 40 से 50 हजार है, जल्द ही (इस बाबत) आधिकारिक सूची भी जारी की जा सकती है।”