लॉकडाउन के चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों का गुस्सा भड़कने लगा है। सोमवार को ऐसी ही तस्वीरें तीन प्रदेशों से सामने आई।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, गुजरात में लगातार 5वीं बार प्रवासी मजदूरों का बवाल देखने को मिला। यहां अहमदाबाद में सैकड़ों की संख्या में पैदल घर के लिए निकले मजदूरों को पुलिस ने रोका तो भीड़ आक्रोशित हो गई।
मजदूरों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। गाड़ियां तोड़ दी। इसमें दो पुलिस वाले घायल हो गए। उधर, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हजारों की भीड़ श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने जुटे।
हरियाणा के सोनीपत में भी दो हजार से ज्यादा मजदूर बस पकड़ने के लिए स्टैंड पर जुट गए।
गाजियाबाद के रामलीला मैदान में मजदूरों के लिए यूपी सरकार ने स्पेशल कैंप लगाया है। यहां श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है।
यूपी सरकार इन मजदूरों को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजने के लिए ट्रेन चलाएगी।
हरियाणा के सोनीपत में दो हजार से ज्यादा मजदूर जुटे। ये सभी कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित फैक्ट्रियों में काम करते थे।
एक मजदूर ने कहा, ”हम लोग यूपी और बिहार के अलग-अलग हिस्सों से हैं। कंपनी लॉकडाउन के चलते बंद है। 55 दिनों तक हम लोग किसी तरह यहां काट चुके हैं।
अब पैसा नहीं बचा है। भूख से मरने से बेहतर है कि घर चले जाएं। अब यहां वापस कभी नहीं आएंगे।”
सोनीपत के बस स्टैंड पर जुटा प्रवासी मजदूरों का भीड़। काफी देर तक पुलिस ने इन्हें समझाने की कोशिश की।
गुजरात में इसके पहले भी चार बार प्रवासी मजदूरों का बवाल हो चुका है। दो बार सूरत में प्रवासी मजदूरों ने तोड़फोड़ की थी।
सभी घर जाने की मांग कर रहे थे। राजकोट में रविवार को शापर इंडस्ट्रियल एरिया में प्रवासी मजदूरों ने रविवार को वाहनों में तोड़-फोड़ कर दी।
बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रद्द होने के बाद मजदूरों ने हंगामा किया। सड़क पर पत्थर रखकर वाहन रुकवा दिए और उनके शीशे तोड़ दिए थे। अहमदाबाद में यह दूसरी बार बवाल हुआ है। इसके पहले 3 मई को भी मजदूरों ने हंगामा किया था।
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