रविवार को गृह मंत्री अमित शाह की लाजपत नगर की रैली के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दो महिलाओं ने बैनर दिखाया था, जिसके बाद किराए के मकान से दोनों को निकाल दिया गया। उन दो महिलाओं में से एक ने दावा किया कि इस दौरान भीड़ ने उनके घर के भीतर घुसने की कोशिश की थी। बता दें कि अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली को संबोधित करने लाजपत नगर पहुंचे थे।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सूर्या रजप्पन नामक महिला ने बताया, ‘जब हमें अमित शाह की रैली के बारे में पता चला तो हम लोग अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार के तहत विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी करने लगे। एक आम नागरिक की तरह, गृह मंत्री के सामने अपना असंतोष जाहिर करने का इससे अच्छा मौका नहीं था। जब शाह का काफिला हमारे सामने की सड़क से गुजरा, मैंने और मेरे फ्लैटमेट ने बालकनी से बैनर दिखाए, जिसपर लिखा था, शेम-सीएए और एनआरसी, आजादी और #NotInMyName, हमने किसी तरीके के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया था।’
महिला ने आगे बताया, ‘हमारे विरोध पर ध्यान देने के बाद रैली में शामिल कुछ लोग भड़क गए और अपमानजनक टिप्पणी करते हुए हमें धमकाने के लिए आगे बढ़ने लगे। इसके बाद हमारे अपार्टमेंट के नीचे सड़क पर लगभग 150 की भीड़ एकत्र हो गई। हमारे बैनर फाड़ दिए गए, कुछ लोग सीढ़ियों के सहारे ऊपर आने लगे और मकान मालिक को धमकाने लगे। उन्होंने कहा कि अगर दरवाजा नहीं खोला तो उसे तोड़ देंगे। इससे हम लोग बुरी तरह डर गए और खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया।’
महिला ने कहा कि वे लोग बाहर हंगामा करते रहे जब तक कि पुलिस वहां नहीं पहुंच गई। महिला ने कहा कि वे लोग घर में घिर गई थीं और वहां से निकल नहीं पा रही थीं। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों से मदद मांगी। लेकिन जब वे लोग वहां पहुंचे, भीड़ ने उनको धक्का दिया और वहां से जाने को कहा। महिला ने पूरे मामले पर कहा, ‘हम लोग करीब 3-4 घंटे तक घिरे रहे। इसके बाद मकान मालिक ने कहा कि अब हम लोग इस घर में नहीं रह सकती हैं। इस बीच पुलिस और दोस्तों के लगातार दखल के बाद मेरे पिता घर में घुस पाए।’ महिला ने कहा कि करीब 7 घंटों के बाद पुलिस की मौजूदगी में हम लोगों ने अपना सामान पैक किया और वहां से निकले।