बिहार के भागलपुर में जनवरी, 2017 में हुई मॉब लिंचिंग मामले में कोर्ट ने आठ आरोपियों को 25-25 हजार रुपए का जुर्माना के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई है।
खबर के मुताबिक भागलपुर के शाहकुंड थाना क्षेत्र के रसुल्ला गांव में छह जनवरी, 2017 की सुबह चोरी के आरोप में उमेश मंडल के पुत्र नंदकिशोर मंडल (18) को पीट-पीटकर अधमरा कर बागीचे में फेंक दिया गया था। गंभीर स्थिति में नंदकिशोर को शाहकुंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया था लेकिन हालत गंभीर देख डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया था। इलाज के दौरान दिन के करीब 11 बजे नंदकिशोर ने दम तोड़ दिया था।
पुलिस जांच में सभी आरोपियों को दोषी पाकर 22 फरवरी, 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी। घटना का कारण पंचायत चुनाव को लेकर आरोपियों से विवाद बताया गया था। इसी रंजिश के कारण युवक को घर से बुलाकर हत्या कर दी गई।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को भीड़ द्वारा हत्या करने का दोषी पाया। कोर्ट ने उम्रकैद के साथ धारा 148 में एक-एक साल की सजा सुनाई।
जिला कोर्ट से आरोपियों का जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील की गई थी। हाईकोर्ट ने अपील खारिज कर निचली अदालत को जल्द से जल्द ट्रायल पूरा कराने का आदेश दिया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान नौ लोगों ने गवाही दी और गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।