वॉट्सअप की जासूसी पर सियासी जंग अब बड़ी होती जा रही है। कांग्रेस पूछ रही है कि सरकार नाम बताए और सरकार कह रही है कि हमने वॉट्सअप को नोटिस भेज दिया है।
जासूसी का लगा आरोप
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, इजरायल की एक कंपनी पर जासूसी का आरोप है। उधर वॉट्सअप ने कहा है मिस कॉल से ही मोबाइल को हैक कर लेते थे। अब सवाल है, साजिश के पीछे कौन है?
The Govt seeking WhatsAop’s response on who bought Pegasus to spy on Indian citizens, is like Modi asking Dassault who made money on the sale of RAFALE jets to India!#WhatsApp https://t.co/6zlqXKGTFG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 31, 2019
वाटस्अप का खुलासा
वॉट्सअप के मुताबिक जब अप्रैल और मई के महीने में देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा था तो देश के दो दर्जन मोबाइल की जासूसी हो रही थी।
The price of the NSG Group’s software isn’t cheap: the company charges its customers $650,000 to hack 10 devices, in addition to an installation fee of $500,000.
Who used the spyware to target Indian activists, journalists and lawyers? https://t.co/VAfhpPKkJj
— The Wire (@thewire_in) October 31, 2019
हुई पुष्टि
वॉट्सअप ने जासूसी की पुष्टि करते हुए एक इजरायली जासूसी कंपनी पर मुकदमा भी दर्ज कराया है और रिपोर्ट में लिखा गया है कि वॉट्सअप के सर्वर का इस्तेमाल करके दुनिया के 1400 लोगों की इजरायली स्पाइवेयर के जरिए जासूसी हुई।
As complaints about hacking of WhatsApp data by Israeli spyware spiralled on Thursday, the Central government swung into action to "protect people's right to privacy."
(@AnkiitKoomar/ @AishPaliwal/@Milan_reports)https://t.co/93XIzfcNnC— IndiaToday (@IndiaToday) November 1, 2019
कई देशों के पत्रकार शामिल
इनमें भारत समेत 20 देशों के सैकड़ों पत्रकार शामिल हैं। वॉट्सअप के मुताबिक जासूसी में भारत के दलित कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इसके साथ ही भारत के कुछ वकील और कुछ प्रोफेसरों को भी वॉट्सअप ने जासूसी के संबंध में जानकारी दी थी। कुछ मानवाधिकार और समाजिक कार्यकर्ताओं का भी फोन हैक था।
Government of India has asked #WhatsApp to explain the privacy breach by spyware #Pegasus. But it can get the information from the #Israeli Defence ministry, without permission of which the software is not sold https://t.co/LAKF9ErGsw
— National Herald (@NH_India) November 1, 2019
कितने लोगों की जासूसी हुई, नहीं हुआ खुलासा
वॉट्सअप के जरिए भारत के कितने लोगों की जासूसी हुई है, इसकी संख्या का खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन ये जासूसी तब हुई थी जब देश में लोकसभा का चुनाव हो रहा था इसलिए कांग्रेस सवाल पूछ रही है कि इस जासूसी के पीछे किसका हाथ है।
IT Ministry seeks WhatsApp's response by Nov 4 on Israeli spyware Pegasus spying on Indian journos, activists https://t.co/OvfdotfThI
— DNA (@dna) October 31, 2019
बीजेपी ने दिया जवाब
कांग्रेस के सवाल का जवाब बीजेपी ने भी दिया है। आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सअप से चार नवंबर तक जवाब मांगा है। सरकार की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि सरकार पर निजता के हनन के सारे आरोप बेबुनियाद है।
Why the snooping is dangerous
How does this Pegasus work?This is the scary part. All it takes is a WhatsApp call to a target phone. And the owner doesn’t even have to answer the call. More creepily, the missed call often disappears from the call logs. https://t.co/tlwZwCXzja
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) November 1, 2019
सॉफ्टवेयर का नाम PEGASUS
वॉट्स अप के मुताबिक उसके सर्वर को हैक करके सर्विलांस करने का फ्रॉड इजरायली कंपनी एनएसओ ने किया है। इजरायली कंपनी एनएसओ इस फ्रॉड में जिस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया, उसका नाम PEGASUS है।
Vice Chancellor of WhatsApp University welcoming Israeli Pegasus for an Onsite Project in India. (2019) pic.twitter.com/PKnbMiFwUA
— History of India (@RealHistoryPic) October 31, 2019
इन मोबाइल में करता है सपोर्ट
इस PEGASUS को किसी भी एंड्रयॉड और आईओएस को सपोर्ट करने वाले मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है। वॉट्सअप के कॉल या मिस कॉल के जरिए भी टारगेट के फोन पर स्पाइवेयर डाउनलोड हो जाता है।
ऐसे होता है जासूसी
स्पाइवेयर इन्सटॉल होने के बाद फोन इजरायल की जासूस कंपनी एनएसओ के कब्जे में चले जाता है। इसके बाद चैट, मैसेज, कॉल और कैमरा को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
मामला दर्ज
वॉट्सअप ने इजरायल की जासूस कंपनी एनएसओ के खिलाफ सैनफ्रॉस्किो में मामला तो दर्ज कराया है लेकिन इजरायली कंपनी ने वॉट्सअप के सारे आरोप से इंकार कर दिया है।
इजरायल का जवाब
इजरायल ने कहा है कि उनकी तकनीक मानवाधिकार और पत्रकारों के खिलाफ काम करने वाली नहीं है। अब सवाल है कि वॉट्सअप को हैक करके जासूसी को अंजाम किसने और कैसे दिया।
बीजेपी का कहना है कि
हंगामा इसी पर मचा है। बीजेपी का कहना है जब वॉट्सअप ने जासूसी के बारे में लोगों को मई-अप्रैल में ही बता दिया था, तब लोग चुप क्यों थे।