इजराइली कंपनी वाटस्अप के जरिए ऐसे हो रही है लोगों की जासूसी!

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वॉट्सअप की जासूसी पर सियासी जंग अब बड़ी होती जा रही है। कांग्रेस पूछ रही है कि सरकार नाम बताए और सरकार कह रही है कि हमने वॉट्सअप को नोटिस भेज दिया है।

जासूसी का लगा आरोप
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, इजरायल की एक कंपनी पर जासूसी का आरोप है। उधर वॉट्सअप ने कहा है मिस कॉल से ही मोबाइल को हैक कर लेते थे। अब सवाल है, साजिश के पीछे कौन है?

वाटस्अप का खुलासा
वॉट्सअप के मुताबिक जब अप्रैल और मई के महीने में देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा था तो देश के दो दर्जन मोबाइल की जासूसी हो रही थी।

हुई पुष्टि
वॉट्सअप ने जासूसी की पुष्टि करते हुए एक इजरायली जासूसी कंपनी पर मुकदमा भी दर्ज कराया है और रिपोर्ट में लिखा गया है कि वॉट्सअप के सर्वर का इस्तेमाल करके दुनिया के 1400 लोगों की इजरायली स्पाइवेयर के जरिए जासूसी हुई।

कई देशों के पत्रकार शामिल
इनमें भारत समेत 20 देशों के सैकड़ों पत्रकार शामिल हैं। वॉट्सअप के मुताबिक जासूसी में भारत के दलित कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इसके साथ ही भारत के कुछ वकील और कुछ प्रोफेसरों को भी वॉट्सअप ने जासूसी के संबंध में जानकारी दी थी। कुछ मानवाधिकार और समाजिक कार्यकर्ताओं का भी फोन हैक था।

कितने लोगों की जासूसी हुई, नहीं हुआ खुलासा
वॉट्सअप के जरिए भारत के कितने लोगों की जासूसी हुई है, इसकी संख्या का खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन ये जासूसी तब हुई थी जब देश में लोकसभा का चुनाव हो रहा था इसलिए कांग्रेस सवाल पूछ रही है कि इस जासूसी के पीछे किसका हाथ है।

बीजेपी ने दिया जवाब
कांग्रेस के सवाल का जवाब बीजेपी ने भी दिया है। आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सअप से चार नवंबर तक जवाब मांगा है। सरकार की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि सरकार पर निजता के हनन के सारे आरोप बेबुनियाद है।

सॉफ्टवेयर का नाम PEGASUS
वॉट्स अप के मुताबिक उसके सर्वर को हैक करके सर्विलांस करने का फ्रॉड इजरायली कंपनी एनएसओ ने किया है। इजरायली कंपनी एनएसओ इस फ्रॉड में जिस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया, उसका नाम PEGASUS है।

इन मोबाइल में करता है सपोर्ट
इस PEGASUS को किसी भी एंड्रयॉड और आईओएस को सपोर्ट करने वाले मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है। वॉट्सअप के कॉल या मिस कॉल के जरिए भी टारगेट के फोन पर स्पाइवेयर डाउनलोड हो जाता है।

ऐसे होता है जासूसी
स्पाइवेयर इन्सटॉल होने के बाद फोन इजरायल की जासूस कंपनी एनएसओ के कब्जे में चले जाता है। इसके बाद चैट, मैसेज, कॉल और कैमरा को भी कंट्रोल किया जा सकता है।

मामला दर्ज
वॉट्सअप ने इजरायल की जासूस कंपनी एनएसओ के खिलाफ सैनफ्रॉस्किो में मामला तो दर्ज कराया है लेकिन इजरायली कंपनी ने वॉट्सअप के सारे आरोप से इंकार कर दिया है।

इजरायल का जवाब
इजरायल ने कहा है कि उनकी तकनीक मानवाधिकार और पत्रकारों के खिलाफ काम करने वाली नहीं है। अब सवाल है कि वॉट्सअप को हैक करके जासूसी को अंजाम किसने और कैसे दिया।

बीजेपी का कहना है कि
हंगामा इसी पर मचा है। बीजेपी का कहना है जब वॉट्सअप ने जासूसी के बारे में लोगों को मई-अप्रैल में ही बता दिया था, तब लोग चुप क्यों थे।