सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया गया है की बेंगलुरु में पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर मस्जिद का निर्माण कराया गया है
क्या सच: बेंगलुरु की मोदी मस्जिद करीब 170 साल पुरानी है, इसका नाम मोदी अब्दुल गफूर के नाम पर रखा गया था
फैक्ट चेक . सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मस्जिद की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है। इन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि बेंगलुरु में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सम्मान देने के लिए एक मस्जिद का नाम पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर रखा गया है।
यूजर्स इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिख रहे हैं, ‘बेंगलुरु के मुस्लिमों ने नरेन्द्र मोदी के नाम पर एक मस्जिद का नाम रखा है।’
Muslims in Bangalore have named a mosque after @narendramodi Ji. Dont know how many are going to commit suicide after seeing this 😃😃😃 https://t.co/ERpRfyIxl7 pic.twitter.com/w9k6RDEGNQ
— Mahesh 🇮🇳 (@Mahesh10816) June 19, 2019
क्या वायरल
- पहली तस्वीर में मस्जिद के नाम का बोर्ड दिखाई दे रहा है, जिसमें उर्दू और अंग्रेजी में मोदी मस्जिद लिखा हुआ है।
- दूसरी तस्वीर में कुर्ता-पायजामा और टोपी पहने कुछ लोग खड़े हैं, पीछे की तरफ पीएम मोदी की एक तस्वीर लगी दिखाई दे रही है।
Muslims in Bangalore have named a mosque after Narendra Modi Ji. Dont know how many are going to commit suicide after seeing this 😃😃
— rajdeep (@RajdeepKolay) June 21, 2019
- क्यों है फर्जी वायरल दावे की यह बात सच है कि बेंगलुरु में मोदी मस्जिद नाम की एक मस्जिद है, लेकिन इसका नाम पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर नहीं रखा गया। यहां के शिवाजी नगर में मौजूद इस मस्जिद का पूरा नाम मोदी अब्दुल गफूर मस्जिद है।दावे में कहा जा रहा है कि मस्जिद का निर्माण हाल ही में हुआ है, जबकि सच्चाई यह है कि बेंगलुरु में स्थित मोदी मस्जिद करीब 170 साल पुरानी है। इसका नाम मोदी अब्दुल गफूर के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने मस्जिद के लिए अपनी जमीन दी थी।हाल ही में मस्जिद का नवीनीकरण करवाया गया था। नवीनीकरण के बाद जून माह की शुरुआत में मस्जिद का उद्घाटन किया गया। बैंगलोर टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर मस्जिद के उद्घाटन को कवर करते हुए एक वीडियो अपलोड किया गया है।
- वीडियो में 4 मिनट 55 सेंकड से मोदी मस्जिद के प्रेसिडेंट मौलाना सैयद अल्ताफ अहमद मस्जिद के इतिहास के बारे में बताते हुए देखे जा सकते हैं।
- उद्घाटन के बाद से ही मोदी मस्जिद को पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ जोड़कर प्रचारित किया जा रहा है।