इस्राईल ने भारत को स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है। भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना करके 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों के लिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करने का संकल्प लिया है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, इसी के बाद इस्राईल ने भारत में सूखे और मरुस्थलीकरण से निपटने और स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए अपनी विशेषज्ञता की पेशकश की है।
मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में ‘जल शक्ति मंत्रालय’ की स्थापना करके कहा है कि कृषि और घरों को प्रभावित करने वाले पानी की कमी के मुद्दे को हल करने के लिए एक “समान दृष्टिकोण” की ज़रूरत है, क्योंकि पानी जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है।
हालांकि भारतीय प्रधान मंत्री ने दूषित पानी और पानी की कमी से निपटने के लिए कोई विशेष फ़ारमूला पेश नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान सभी ग्रामीण परिवारों के लिए स्वच्छ पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाएगी।
भारत भर में सूखे और पानी की कमी की के गंभीर ख़तरे के बीच, विशेष रूप से गर्मियों के महीनों के दौरान, सरकार कृषि और जल सिंचाई सुधारों के लिए भी प्रयास करेगी।
इस्राईल ने कि जो पहले से ही भारत को अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (MASHAV) के माध्यम से सिंचाई तकनीक दे रहा है, मोदी के नए मंत्रालय को पानी की कमी को दूर करने के लिए भी मदद देने की पेशकश की है।
नेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर ट्रांसफ़ॉर्मिंग इंडिया (NITI) का अनुमान है कि स्वच्छ पानी तक पहुंच की कमी के कारण भारत में सालाना दो लाख लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में सालाना 60 करोड़ लोगों से अधिक को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि भारत के 54 प्रतिशत भूजल कुओं में जल स्तर में गिरावट देखी जा रही है। अगर यह चलन जारी रहा, तो अगले साल की शुरुआत तक क़रीब 21 प्रमुख शहरों का भूजल से संपर्क टूट जाएगा।