उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से ISI के एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। वह पाकिस्तान को जानकारियां भेजता था।
नई दुनिया पर छपी खबर के अनुसार यूपी पुलिस की एंटी टेटर स्क्वाड ने जाजूसी के आरोपी मोहम्मद राशिद को 19 जनवरी को गिरफ्तार किया है। वह वाराणसी में काम करता था और वह पाकिस्तान में मौजूद अपने हैंडलर को जानकारियां पहुंचाता था।
वह यह काम मार्च 2019 से कर रहा था। जुलाई 2019 में मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंसी को मोहम्मद राशिद को लेकर इनपुट मिला था कि वह वाराणसी से जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसियों को वाटस्अप की मदद से भेज रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलिट्री इंटेलिजेंस को यह इनपुट मिलने के बाद से ही सेंट्रल एजेंसियों की मदद से कई महीनों से इस पर काम किया जा रहा था।
आखिरकार 19 जनवरी को मिलिट्री इंटेलिजेंस और यूपी एटीएस ने आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
इसके पूर्व कई हफ्तों के सैन्य परीक्षण, फिजिकल सर्विलांस और प्राथमिक तौर पर संदिग्धों से पूछताछ के बाद यह सामने आया कि मोहम्मद राशिद वह शख्स था जो पाकिस्तान को जानकारियां भेज रहा था। उसे 16 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
शुरूआती पूछताछ और उसके मोबाइल की जांच से ही आरोपी के पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी से जुड़े होने के साक्ष्य मिल गए। इसके बाद उसे 19 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी अब्दुल राशिद से पूछताछ में सामने आया वह नाना और मामा के साथ वाराणसी के चंदौली में रहता है क्योंकि उसके मां बाप का तलाक हो गया था और दोनों ने दूसरी शादी कर ली।
8वीं तक पढ़ाई के बाद वह टेलर की दुकान और मेडिकल स्टोर पर काम किया। इसके बाद उसने फ्लेक्स साइनबोर्ड को लगाना शुरू किया।
राशिद के रिश्तेदार कराची में भी रहते हैं और वह दो बार 2017 और 2018-19 में वहां शादियों में शामिल होने गया था।
वह अपनी चाची हसीना, उसके पति सागिर अहमद और उसके बेटे शाजेब के साथ ओरंगी टाउन में रहता था। उसने बताया कि इस दौरान वह अपनी एक कजिन के प्यार में पड़ गया था।
पाकिस्तान की दूसरी विजिट के दौरान शाजेब ने उसे पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलिजेंस और ISI के दो लोगों आशिम और अहमद से मिलाया था।
उन दोनों ने राशिद को वाटस्अप पर भारतीय फोन नंबर्स उपलब्ध कराने और आर्मी यूनिट्स के मूवमेंट और डिप्लॉयमेंट की जानकारी देने को कहा था।
राशिद को इसी तरह की जानकारियां भारत के संवेदनशील स्थानों और प्रदर्शनों और रैलियों की देने को कहा गया था। इसके बाद राशिद इसके लिए तैयार हो गया था और उन दोनों हैंडलर्स से कराची में रहने वाले चाचा-चाची द्वारा लगातार चेतावनी देने के बाजवूद भी लगातार संपर्क में था।