कोरोना वायरस: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मस्जिदों में नमाज़ न पढ़ने की हिदायत दी!

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मंगलवार को एक बैठक में हैदराबाद से कई पल्मोनोलॉजिस्ट के बाद कोरोवायरस वायरस के डर को देखते हुए राज्य भर में आम जनता के लिए मस्जिदों को बंद करने का फैसला किया। COVID-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लिया गया।

 

 

 

एएनआई से बात करते हुए, मुफ्ती, पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ने कहा, “मुस्लिम समुदाय के सभी प्रतिनिधियों ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि तेलंगाना भर में आम जनता के लिए मस्जिदें बंद रहेंगी।”

“केवल मस्जिद से संबंधित संबंधित लोग ही प्रार्थना जारी रखेंगे। राज्य में कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण यह निर्णय लिया गया। सभी लोगों को सलाह दी जाती है कि वे घर पर प्रार्थना करें और कहीं भी बाहर जाने या इकट्ठा होने से बचें। उन्होंने कहा कि मस्जिद में उस पेशकश के बराबर घर पर एक ही इनाम मिलेगा, ”उन्होंने कहा।

 

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इसी तरह कानपुर में कोरोना संक्रमण के खतरे से खुद को और समाज को सुरक्षित रखने के लिए शहरकाजी मौलाना मतीनुल हक ओसामा ने घर में जुमा की नमाज अदा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों से अजान और जमात हो।

 

मोअज्जिन, इमाम और खुद्दाम या सेवक मस्जिदों में जमात बनाकर नमाज पढ़ लें।

 

मुफ्तियों के पैनल के साथ रजबी रोड स्थित जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दफ्तर में प्रेस वार्ता में शहरकाजी ने कहा कि मस्जिदों में भीड़ के साथ हरगिज न जमा हों।

 

इमाम बेहद छोटी नमाज पढ़ाएं। जुमा की नमाज में एहतियात बरतें। घर में ग्रुप या जमात के साथ जुमा की नमाज अदा कर सकते हैं।

 

अगर घर में जुमे के वक्त अकेले नमाज पढ़ रहे हैं तो फिर जुमा के बजाय जोहर की फर्ज नमाज पढ़ लें। यूं भी अगर मस्जिद में जाकर नमाज पढ़नी है तो घर से वजू करके जाएं और सिर्फ फर्ज नमाज पढ़कर वापस आ जाएं। बाकी नमाज घर में ही अदा करें। इस मसले पर शहर के 30 से अधिक मुफ्तियों ने एक मत से सहमति दी है।

 

 

उन्होंने कहा कि इस वक्त रोज कमाने खाने वालों को बंदी से सबसे ज्यादा परेशानियां हो रही हैं। इसलिए अपने पड़ोस में इस तरह के लोगों की मदद करते रहिए।

 

उन्होंने मस्जिदों से होने वाली अजान में किसी भी तरह के बदलाव की गुंजाइश से इनकार किया। कहा कि अगर इमाम को अरबी में यह अपील करनी है कि नमाज घर में पढ़ें तो कह सकते हैं लेकिन अजान के किसी हिस्से में बदलाव न करके।

 

अजान पूरी होने के बाद ही कोई अपील कर सकते हैं। पत्रकार वार्ता में मुफ्ती मोहम्मद इकबाल, मुफ्ती अब्दुर्रशीद, मौलाना हिफ्जुर्रहमान कासमी आदि मौजूद रहे।

 

उधर, शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने भी इमाम, मोअज्जिन, सेवकों के अलावा चंद लोगों को छोड़कर घरों में ही लोगों से नमाज अदा करने की अपील की है।