आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी के प्रति कोई घृणा न होने पर जोर देते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य भारत में परिवर्तन तथा उसे बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के वास्ते देश में पूरे समाज को संगठित करना है, न कि केवल हिंदू समुदाय को। उन्होंने कहा कि मारे-मारे यहूदी फिरते थे। उनको भारत में आश्रय मिला। पारसियों की पूजा और मूल धर्म केवल भारत में सुरक्षित है। विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेगा। ये क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं।
आरएसएस की शीर्ष निर्णय निर्धारण संस्था अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के मद्देनजर भुवनेश्वर बुद्धिजीवियों की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट करना आवश्यक है और सभी वर्गों को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए तथा आरएसएस इस दिशा में काम कर रही है।