उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में 1000 टन सोना होने की बात कह कर चर्चा में आए महंत विरक्तानन्द (शोभन सरकार) का निधन हो गया।
कांव कांव डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने बुधवार सुबह आश्रम स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में अंतिम सांस ली।
शोभन सरकार निधन की खबर पाकर लोगों की भीड़ अंतिम दर्शन को उमड़ पड़ी। लोग लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को भी ताक पर रख दिया।
नियमों की उड़ाई गई धज्जियाँ
कानपुर के बिठूर में स्थित बंदी माता घाट पर बुधवार दोपहर बाबा शोभन सरकार के पार्थिव शरीर को गंगा में प्रवाहित किया गया। इस दौरान वहां पर बाबा के हजारों भक्त मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया।
पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
पुलिस ने लोगों को रोकने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए बाबा शोभन सरकार की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा।
खजाने को लेकर दावा
शोभन सरकार 2013 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उनके एक सपने के आधार पर उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम खजाने की खोज में जुट गई थी।
शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में राजा राम बख्श सिंह के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है।
इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी। स्थिति तब हास्यास्पद हो गई जब सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी। हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला।