रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फ़ोर्स ग्रुप सेंटर पर हमले के मामले में कोर्ट से 10 साल की सजा पाए फहीम अंसारी को बरेली की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया।
He was sentenced to a 10-year-term in jail and was set free on Wednesday since he had already spent 11 years in prison.https://t.co/cG1eEkhOBw
— The Logical Indian (@LogicalIndians) November 8, 2019
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, फहीम को कोर्ट ने चार दिन पहले दोषी मानते हुए दस साल कैद की सजा सुनाई थी और उस पर 95 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। फहीम निर्धारित अवधि से ज्यादा समय से जेल में बंद था इस लिए जुर्माना राशि जमा होने के बाद फहीम को रिहा कर दिया गया।
Faheem Ansari not the only one in false conviction list, writes Rohini Banerjee.https://t.co/zQlkoXJuEQ
— Deccan Herald (@DeccanHerald) November 8, 2019
मुबई का निवासी
मुंबई के गोरेगांव एएम रोड के मोतीनगर टू निवासी फहीम अंसारी को 10 फरवरी 2008 को एटीएस ने रामपुर से गिरफ्तार किया था। उसके पास से पाकिस्तान में बनी पिस्टल के साथ ही इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान हस्सन हम्माद नाम का पासपोर्ट भी बरामद हुआ था।
Terror-convict Faheem Ansari returns to family in Mumbai https://t.co/8CNgjKaytu
— TOI Mumbai (@TOIMumbai) November 8, 2019
देशद्रोह का आरोप साबित नहीं हो पाया
इस आधार पर हमले के मुकदमे में उसका नाम शामिल किया गया। फहीम पर देशद्रोह का मुकदमा भी चला हालाँकि देशद्रोह का आरोप उस पर साबित नहीं हो पाया, लेकिन पाकिस्तानी पिस्टल और पासपोर्ट बरामद होने पर अदालत ने उसे सजा सुनाई।
मुम्बई हमले में भी लगे थे आरोप
फहीम अंसारी पर मुंबई हमले में भी रेकी के आरोप लगे थे लेकिन अदालत में आरोप सिद्ध न हो पाने के कारण उसे बरी कर दिया गया था। सेंट्रल जेल से रिहाई के बाद फहीम अंसारी अपनी पत्नी के साथ मुंबई के लिए रवाना हो गया।