यूपी मदरसा बोर्ड का फैसला- 14 साल से कम उम्र में अब नहीं कर पाएंगे मुंशी मौलवी

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यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने बोर्ड की आरम्भिक परीक्षा मुंशी-मौलवी के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित कर दी है। साथ ही मदरसा शिक्षा के विभिन्न कोर्सों के पूर्ण करने की अवधि भी निर्धारित कर दी है। अब 14 वर्ष से कम आयु का अभ्यर्थी मुंशी-मौलवी की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। परिषद की बैठक में ये निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुसार वर्ष 2020 की मुंशी-मौलवी परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी की न्यूनतम आयु 31 मार्च 2020 को 14 वर्ष होना चाहिए।

मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य जिरगामुद्दीन और मोहम्मद शहरयार के अनुसार उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद को छोड़ अन्य सभी बोर्डों की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित है। नये नियम के अनुसार रिजल्ट घोषित होने वाले वर्ष की 31 मार्च को मुंशी-मौलवी के परीक्षार्थी की न्यूनतम आयु 14 वर्ष होना अनिवार्य होगी। इसके साथ मदरसा शिक्षा की एक डिग्री पूरी करने के लिए भी समय-सीमा निर्धारित कर दी गई है। अब तक मदरसा शिक्षा की डिग्री के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी। मदरसा शिक्षा की मुंशी-मौलवी, आलिम के दो वर्षीय, कामिल के तीन और फाजिल की डिग्री के दो वर्षीय कोर्स को पूरा करने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी। लेकिन बोर्ड ने अब सभी कोर्सों को पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित कर दी है।

बोर्ड के निर्णयानुसार मुंशी-मौलवी और आलिम के दो वर्षीय कोर्स को अधिकतम 4 वर्ष, कामिल के तीन वर्षीय कोर्स को अधिकतम 6 वर्ष तक फाजिल के दो वर्षीय कोर्स को अब अधिकतम 4 वर्ष में ही पूर्ण करना होगा।