तीन तलाक़ कानून के खिलाफ़ सुप्रीम पहुंचा मुस्लिम एडवोकेट एसोसिएशन!

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तीन तलाक कानून के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक और याचिका दाखिल की गई है। मुस्लिम एडवोकेट एसोसिएशन की याचिका पर शीर्ष अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए मामले को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है।

इससे पहले 23 अगस्त को शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को राहत देते हुए तीन तलाक कानून पर रोक लगाने से मना कर दिया था, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय तीन तलाक कानून की वैधता का परीक्षण करने को तैयार हो गया है।

इस पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है। इससे पहले अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ दाखिल एक याचिका में कहा गया कि यह कानून संविधान की धारा 14, 15 और 21 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, इसलिए इस कानून को असंवैधानिक घोषित किया जाए।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय में तीन तलाक कानून के खिलाफ इस याचिका को ‘समस्त केरल जमीयतुल उलेमा’ ने दायर की है। ‘समस्त केरल जमीयतुल उलेमा’ केरल में सुन्नी मुस्लिम स्कॉलर और मौलवियों का एक समूह है।

आपको बता दें कि लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ संसद में बिल पारित किया था, जो अब कानून बन चुका है।