पंजाब के लुधियाना जिले के माछीवाड़ा इलाके में एक विवाह के दौरान भाईचारे की मिसाल देखने को मिली, जहां एक मुस्लिम परिवार ने हिदू लड़की का कन्यादान कर माता-पिता की कमी को खलने नहीं दिया।
न्यूज़ 18 हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, गांव भट्टियां में रहने वाली हिदू समुदाय की लड़की पूजा की मंगनी लॉकडाउन से पहले गांव साहनेवाल के रहने वाले सुदेश कुमार सोनू के साथ हुई थी।
फिर विवाह की तारीख दो जून तय की गई. शादी के लिए खरीदारी आदि शुरू कर दी गई। पूजा के माता-पिता उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में किसी रिश्तेदार के गए और फिर कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन हो गया। वे वहीं फंसकर रह गए।
मुरादाबाद में फंसे पूजा के पिता वरिंदर शर्मा और माता अदमा चिंता में पड़ गए। पिता ने अपने मुस्लिम दोस्त साजिद को बेटी का ध्यान रखने के लिए कहा और वह उनके परिवार के साथ रहने लगी।
उन्होंने बेटी की तरह उसका पूरा ख्याल रखा. लॉकडाउन आगे बढ़ता चला गया और शादी की तारीख नजदीक आ रही थी। इससे पूजा के माता पिता की चिंता और बढ़ गई।
इस बीच पूजा के पिता ने फैसला किया कि वह बेटी की शादी की तारीख आगे नहीं बढ़ाएंगे और उन्होंने अपने दोस्त साजिद से बात की. इस पर साजिद ने कहा कि वह फिक्र न करें, पूजा की शादी की तैयारियां खुद करेंगे।
आखिर वो शादी की तारीख दो जून आ ही गई। सभी तैयारियां पूरी करते हुए साजिद व उनकी पत्नी सोनिया ने हिदू धर्म की सभी रस्में निभाई और पूजा का कन्यादान करने के बाद दोपहर बाद उसकी डोली को विदा किया।
मंगलवार को पूजा और सुदेश के विवाह की रस्में पूरी की गई. पंडित ने दोनों को अग्नि के फेरे दिलाए। दूल्हे वालों की तरफ से परिवार के करीब छह लोग और दुल्हन वालों की तरफ से करीब दस लोग ही मौजूद रहे. इस दौरान नवविवाहित जोड़ा काफी खुश दिखा।
वहीं पूजा ने कहा कि बेशक उसके विवाह समारोह के अवसर पर उनके स्वजन शामिल नहीं हो सके, परंतु उसके मामा साजिद और मामी सोनिया ने कन्यादान कर उनकी कमी नहीं आने दी।
साजिद ने बताया कि पूजा उसे अपना मामा मानती है। वह उसका कन्यादान कर काफी खुश है और उन्हें इस बात का गर्व महसूस हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बेशक पूजा से उनका खून का रिश्ता नहीं परंतु इंसानियत धर्म सबसे ऊपर है और उन्होंने अपने दोस्त की बेटी का कन्यादान कर यही फर्ज निभाया है।
साभार- न्यूज़ 18 हिन्दी