मुस्लिम संगठन के नेताओं की रजनीकांत से मुलाकात!

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तमिलनाडु के एक प्रतिनिधिमंडल जमथुल उलमा सबाई ने रविवार को चेन्नई में अपने निवास पर सुपरस्टार रजनीकांत से मुलाकात की।

 

 

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल ने रजनीकांत से मुलाकात की और एनपीआर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

 

 

हमने एनपीआर के कारण मुसलमानों को हो रही कठिनाइयों के बारे में बताया। उन्होंने हमारी बात को समझा और आश्वासन दिया कि मुसलमानों के बीच भय को दूर करने के लिए जो आवश्यक होगा वह करेंगे।

 

 

गौरतलब है कि दक्षिण सुपरस्टार रजनीकांत ने दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में उपद्रवियों ने उतनी हिंसा को अंजाम दिया जिसमें दिल्ली पुलिस के हैड कांस्टेबल समेत 20 लोगों की मौत हो गई।

 

 

 

सरकार पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि दंगों को सख्ती के साथ निपटाया जाना चाहिए था।

 

 

 

रजनीकांत ने कहा कि निश्चित ही ये केंद्र सरकार की विफलता है। केंद्र सरकार की निंदा करते हुए उन्होंने मीडिया के एक वर्ग द्वारा उनके संबंध भाजपा से जोड़े जाने पर भी दुख व्यक्त किया।

 

दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा की तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत ने कड़ी निंदा की थी। इसके कुछ ही दिन बाद अब सुपरस्टार रजनीकांत ने रविवार को कहा कि वह देश में शांति बनाए रखने के लिए कोई भी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

 

 

 

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट इन पर छपी खबर के अनुसार, एक मुस्लिम संगठन के कुछ नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने एक ट्वीट में यह बात कही। बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के बाद रजनीकांत अपने बयान में केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।

 

 

 

 

 

 

रजनीकांत ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं देश में शांति बनाए रखने के लिए कोई भी भूमिका निभाने को तैयार हूं। मैं भी उनकी (मुस्लिम संगठन के नेताओं) टिप्पणी से सहमत हूं कि देश का प्रमुख उद्देश्य प्रेम, एकता और शांति होना चाहिए।’

 

 

 

इससे पहले दिन में, मुस्लिम संगठन ‘तमिलनाडु जमैथुल उमा सबाई’ के सदस्यों ने 69 वर्षीय अभिनेता से उनके पोएस गार्डन निवास पर मुलाकात की।

 

 

 

पिछले हफ्ते उत्तरी पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी जिसमें 40 से ज्यादा लोग मारे गए और 200 से भी ज्यादा घायल हो गए।

 

 

 

दिल्ली में यह हिंसा सीएए के विरोध और समर्थन में हो रहे धरने प्रदर्शनों के बाद भड़की थी। पिछले ही सप्ताह रजनीकांत ने इस हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था।

 

 

 

रजनीकांत ने कहा था कि हिंसा की ऐसी घटनाओं से पूरी ताकत के साथ कड़ाई से निपटना जाता चाहिए। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि यदि सत्ता में बैठे लोग हिंसा से नहीं निपट सकते तो ‘इस्तीफा दें और चले जाएं।’