मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि हमें 5 दिसंबर 1992 जैसा अयोध्या चाहिए, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले का था। हमेशा ये नहीं सोच सकते हैं कि 1992 नहीं हुआ
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सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या भूमि विवाद मामले पर आज से अंतिम दौर की सुनवाई शुरू हो गई है। मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन अपनी दलीलें रख रहे हैं। धवन ने कहा कि जब शुक्रवार को चार दिन की बात तय हुई तो मैं हिंदू पक्ष की दलील का जवाब नहीं दे सका था।
Muslim demand in Supreme Court – we need Ayodhya as before 6 December 1992 https://t.co/WV93G4sWeR
— Prakhayaat News (@prakhayaat) October 14, 2019
राजीव धवन ने कहा कि हमें (मुस्लिम पक्ष) 5 दिसंबर 1992 जैसा अयोध्या चाहिए, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले का था। हमेशा ये नहीं सोच सकते हैं कि 1992 नहीं हुआ। अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील रखे जाने का सोमवार को आखिरी दिन है।
मुस्लिम पक्ष की ओर से धवन ने कहा कि श्रद्धा से जमीन नहीं मिलती है, स्कन्द पुराण से अयोध्या की जमीन का हक नहीं मिलता है।
उन्होंने कहा कि अगर बेंच मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के तहत किसी एक पक्ष को मालिकाना हक देकर दूसरे को विकल्प देती है तो मुस्लिम पक्षकारों का ही दावा बनता है। तीन पहलू टाइटल के सवाल पर बंटवारा ही गलत था, इस्लामिक कानून और कुरान बहुत पेचीदा है।
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि हिंदू पक्ष का विवादित स्थल पर कभी कब्जा नहीं रहा था, उन्हें सिर्फ पूजा का अधिकार मिला था। किसी ने आजतक नहीं माना है कि हिंदू पक्ष का आंतरिक अहाते पर कब्जा था।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के राजीव धवन और हिंदू पक्ष के वकील वैद्यनाथन की ओर से लिखित दलीलें पेश का जवाब देते हुए कहा कि गुम्बद के नीचे रामजन्म होने के श्रद्धालुओं के फूल चढ़ाने का दावा सिद्ध नहीं हुआ है, वहां तो ट्रेसपासिंग कर लोग घुस आए थे। उन्होंने कहा कि कभी भी मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई, वहां लगातार नमाज़ होती रही है।
अब मैं पूरी रफ्तार से अपनी दलीलें रखूंगा। इसको ध्यान में अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने 10 दिसम्बर तक धारा 144 लागू कर दी है और जिले को किले में तब्दील कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की सरकार ने संभावित निर्णय के मद्देनजर 10 दिसंबर तक जिले में धारा 144 लागू कर दी है। दीपोत्सव, चेहल्लुम और कार्तिक मेले के दौरान भी निषेधाज्ञा लागू रहेगी।
अयोध्या जिले में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। 18 अक्टूबर से जिले में सुरक्षाबलों की पहली खेप पहुंचनी प्रारंभ होगी।
इसमें पीएसी, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियों के जवान शामिल होंगे। इसके अलावा अयोध्या में रह चुके शीर्ष अधिकारियों को भी दीपावली महोत्सव और सुप्रीम कोर्ट से आने वाले निर्णय को ध्यान में रखकर बुलाया जा रहा है।