कोरोना महामारी के पीछे अब बात शर्मसार कर देने वाली खबर की। झारखंड के जमशेदपुर में सरकारी अस्पताल के कर्मियों ने मानवता को कलंकित कर दिया।
बिहार फर्स्ट पर छपी खबर के अनुसार, जमशेदपुर के एक सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। गर्भवती महिला रिजवाना खातून ने आरोप लगाया है कि उसके साथ सरकारी अस्पताल के कर्मियों ने मारपीट की जिसकी वजह से उसके बच्चे की मौत हो गई।
कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे दुनिया के सामने डॉक्टर भगवान की भूमिका में नजर आ रहे हैं। दुनिया भर में कई जगहों पर कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टरों ने अपनी जान तक दे डाली है लेकिन जमशेदपुर के एक सरकारी अस्पताल में अपना प्रसव कराने पहुंची महिला रिजवाना खातून के साथ अस्पताल के कर्मियों ने मारपीट की है।
रिजवाना खातून ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक वह प्रसव के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल गई थीं। डिलीवरी का वक्त करीब था लिहाजा उन्हें ब्लीडिंग हो रही थी। अस्पताल के फर्श पर खून गिर गया तो अस्पताल कर्मियों ने उनसे ही खून साफ करने को कहा।
उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दी गई। यहां तक कहा गया कि तुम करोना फैलाना चाहती हो। रिजवाना को मेडिकल स्टाफ ने चप्पल निकालकर बुरी तरह से पीटा।
मेडिकल स्टाफ के इस बर्ताव से रिजवाना हक्का-बक्का रह गई। सरकारी अस्पताल के अंदर बदसलूकी के बाद वह आनन-फानन में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंची लेकिन मानगो स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंचने के पहले उनके बच्चे की मौत हो चुकी थी। गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत के बाद किसी तरह प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने रिजवाना की जान बचाई।
सरकारी अस्पताल में रिजवाना के साथ जो कुछ हुआ उसके बाद उसने खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है।
जमशेदपुर के एमजीएम हॉस्पिटल में उनके साथ जो हुआ वह सिलसिलेवार तरीके से रिजवाना ने बताया है। मुख्यमंत्री मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने का निर्देश राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को दिया है।
मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना के सामने आने के बाद सरकार की नींद अब टूटी है। इंतजार इस बात का है कि दोषी मेडिकल स्टाफ के ऊपर एक्शन लेने में सरकार कितना वक्त लगाती है।