मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा, राजीव धवन ने कहा कि, ‘इस मामले में मस्जिद पर जबरदस्ती कब्जा किया गया। लोगों को मजहब के नाम पर उकसाया गया। रथ यात्रा निकाली गई। लंबित मामले में दबाव डाला गया। मस्जिद ध्वस्त की गई
The Muslim side told the SC that they are not denying #Ayodhya is the birthplace of Lord Ram but the dispute could not be settled as the Hindu side asserted that the central dome of the demolished mosque was the exact place where the deity was born.https://t.co/M7cbC7l4TO
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) October 5, 2019
अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में 37वें दिन मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बहस की शुरुआत की। राजीव धवन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 142 के तहत मिली अपरिहार्य शक्तियों के तहत दोनों ही पक्षों की गतिविधियों को ध्यान में रखकर इस केस का निपटारा करे।
Shakti Singh, Grandson of 1949 Faizabad Magistrate speaks to TIMES NOW on The Ayodhya Story. pic.twitter.com/VlvpCzAfur
— TIMES NOW (@TimesNow) October 5, 2019
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, राजीव धवन ने कहा कि, ‘इस मामले में मस्जिद पर जबरदस्ती कब्जा किया गया। लोगों को मजहब के नाम पर उकसाया गया। रथ यात्रा निकाली गई। लंबित मामले में दबाव डाला गया। मस्जिद ध्वस्त की गई और उस समय सीएम रहे कल्याण सिंह ने एक दिन की जेल अवमानना के कारण काटी।
Blame game erupts in the SC as the deadline for completion of arguments in the Ayodhya case is nearing. Masjid side blames the Mandir side of being ‘too stubborn’ and delaying the verdict.
Tune in to TIMES NOW with Navika Kumar on @thenewshour. | Tweet with #AyodhyaOct17Deadline pic.twitter.com/RvDO8GnO0y
— TIMES NOW (@TimesNow) October 4, 2019
अदालत से गुजारिश है कि सभी घटनाओं को ध्यान में रखें। धवन ने आगे कहा कि, ‘हम कैसे देखते हैं कि इतिहास महत्वपूर्ण है। केके नय्यर के खिलाफ लगे इल्जाम पब्लिक डोमेन में हैं। गलत तरीके से इल्जाम लगाए गए हैं, एक व्यक्ति को भी वहां पर सोने तक की अनुमति नहीं थी। मस्जिद वह है जहां कोई अल्लाह का नाम लिया जाता है. नमाज अदा की जाती है.’
इस पर न्यायमूर्ति बोबड़े ने कहा कि क्या मस्जिद दैवीय है? राजीव धवन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह हमेशा से ही दैवीय रहती है। इसके बाद न्यायमूर्ति बोबड़े ने पूछा कि क्या यह अल्लाह को समर्पित होती है? इस पर धवन ने कहा कि हम दिन में 5 बार नमाज अदा करते हैं, अल्लाह का नाम लेते हैं, ये अल्लाह को समर्पित ही है।