बाबरी मस्जिद सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों ने मजबूती से अपना पक्ष रखा है
अयोध्या विवाद मामले में चार प्रमुख वकील उभरकर सामने आए हैं, जिन्होंने करीब दो महीने की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के सामने अपने पक्षों को मजबूती के साथ रखकर उसकी वैधता स्थापित करने की कोशिश की।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, हिंदू पक्षकारों की ओर से मामले को अदालत के सामने प्रस्तुत करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के. पारासरन और सी. एस. वैद्यनाथन और मुस्लिम पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता राजीव धवन और मीनाक्षी अरोड़ा ने अप्रतिम कुशलता के साथ अपना पक्ष पेश किया।
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अतिशय राजनीति महत्व वाला यह मामला अब अंतिम चरण में है। मुस्लिम पक्षकार अपने पक्ष को स्थापित करने के आखिरी दौर में हैं, जिस पर हिंदू पक्षकारों ने अपना जवाब दाखिल किया और इनकी दलील 18 अक्टूबर को पूरी होगी। मामले में रोजाना सुनवाई छह अगस्त से शुरू हुई थी, जो विभिन्न चरणों से गुजरी है।
Senior advocate Meenakshi Arora, representing the Muslim parties,on Wednesday, questioned the 2003 Archeological Survey of India report on excavations of Babri Masjid site https://t.co/EInD6Jxd0c
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) September 26, 2019
सुनवाई के दौरान हिंदू आस्था और कानून के संदर्भ का उल्लेख किया गया, जिसे मुस्लिम पक्षकारों ने खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। इस विवाद की शुरुआत 19वीं सदी में ही हुई, लेकिन अभी इस पर कानूनी फैसला आना बाकी है।
“Supreme Court said it hoped hearings in the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case would be concluded by 18 October, urging parties to stick to the schedule and conclude their arguments on time”https://t.co/bv3ilI0ZUU
— Amrita Bhinder 🇮🇳 (@amritabhinder) September 25, 2019
मामले को तत्परता से पेश करने और राम लला विराजमान के साथ जुड़ी हिंदू आस्था के पक्ष को व्यापक तरीके से प्रमाणित करने के लिए पारासरन (92) ने लंबे समय से मामले की तैयारी कर रखी थी और वैद्यनाथन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट की प्रासंगिकता और वैधता के आधार पर पक्ष को सबल बनाया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई की रिपोर्ट को मान्य प्रदान की।
बाबरी मस्जिद सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा हिन्दुओं के पास केवल राम चबूतरे का अधिकार https://t.co/43q0BpXwdN during-the-babri-masjid-hearing-the-counsel-for-the-muslim-side-said-that-the-hindus-only-have-the-right-to-the-ram-platform/ via @HindNews4u
— Hind News (@HindNews4u) September 27, 2019
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू मंदिर जैसी संरचना बाबरी मस्जिद के नीचे विद्यमान है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से धवन (73) ने जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा। उन्होंने धारदार और तफसीली तरीके से दलीलें पेश कीं, जिससे अदालत में कई सवाल पैदा हुए।
धवन ने विवादित स्थल के प्रबंधन के सिलसिले में हिंदू पक्षकारों के बीच पैदा हुए विवाद की ओर अदालत का ध्यान आकृष्ट किया। अरोड़ा की दलीलों से पीठ की ओर से कई सवाल उठे और एएसआई की रिपोर्ट की वैधता पर उन्होंने सभी न्यायाधीशों को बहस में शामिल कर दिया।