मुस्लिमों से अपील: शब-ए-बारात पर न जाए कब्रिस्तान और मस्जिद

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कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरा देश तिलमिला गया हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने देश में 21 दिनों का लॉक डाउन लागू किया है। ऐसे में 9 अप्रैल को जहां शब-ए-बारात पर अलीगढ़ के इतिहास में पहली बार मस्जिदों में नमाज अता नहीं की जाएगी।

 

हिन्दुस्तान लाइव पर छपी खबर के अनुसार, शहर मुफ्ती खालिद हमीद की ओर से फतवा जारी कर मुल्क के वाशिंदों से घरों में रहकर ही नमाज पढ़कर मुल्क की सलामती के लिए दुआएं करने की अपील की गई है।

 

बता दे, शब-ए-बारात के 15 दिन बाद ही रमजान का बरकतों और रहमतों का महीना शुरू हो जाएगा।

 

शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने मंगलवार को अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के निर्देश दिए हैं।

 

लॉक डाउन में एक जगह ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। घर से केवल तभी बाहर निकल सकते है जब कोई इमरजेंसी हो।

 

बताया कि अलीगढ़ की जामा मस्जिद, कब्रिस्तान में अभी तक नमाज अता होती रही है, लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद मस्जिदों से जुड़े सिर्फ इमाम या मस्जिद से जुड़े हुए लोग ही वहां नमाज पढ रहे हैं।

 

कहा कि जुमे पर भी सभी मस्जिदों में सिर्फ 3 से 5 लोग अजान के बाद नमाज अदा कर रहे हैं। हालांकि शब-ए-बारात से बहुत सी भावनाएं जुड़ी हैं, लेकिन जिस तरह की मौजूदा स्थिति है, उसमें सभी से गुजारिश है कि नियमों का पालन करे और लॉकडाउन में घरों पर ही रहकर नमाज अता करें।

 

किसी जुलूस या आयोजन के लिए कहीं जमा न हो। अगला दिन शुक्रवार का होगा। हर दिन की तरह अजान होगी। इमाम 4 या 5 लोगों के साथ जमात जारी रखेंगे। लोगों से अपील है कि मस्जिदों में एकत्र न हों। वो जैसे घरों पर अब नमाज अदा कर रहे हैं, वैसे ही करते रहे।

 

साभार- हिन्दुस्तान लाइव