मुस्लिम देशों ने आपस में लड़ना शुरु किया!

,

   

क़तर के विदेश मंत्री शेख़ मोहम्मद बिन अब्दुर्रहमान अल-सानी ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात पर आतंकवाद को समर्थन करने और क्षेत्र में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। लंदन में पत्रकारों से बात करते हुए शेख़ अल-सानी ने कहा, सऊदी अरब और यूएई मध्यपूर्व और अफ़्रीक़ा में आतंकवाद, हिंसा और अराजकता फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा, यह दोनों देश तानाशाही सरकारों का समर्थन करके मिस्र, लीबिया और अरब जगत में शांति की स्थापना करना चाहते हैं, जो वास्तव में अराजकता फैलाने का एक नुस्ख़ा है। क़तरी विदेश मंत्री ने ईरान के बारे में सऊदी और इमाराती नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, ईरान को अलग थलग करने के चक्कर में यह दोनों देश ख़ुद ही अलग थलग पड़ते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, पिछले तीन वर्षों से जो नीतियां असफल रही हैं, वे अभी भी उन्हें ही जारी रखे हुए हैं, हालांकि उन्हें चाहिए कि अपनी इन नीतियों पर पुनर्विचार करें।

सऊदी अरब के दावे के विपरीत क़तर के विदेश मंत्री ने कहा, ईरान को लेकर फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद एकमत नहीं है और इसके सदस्य देशों के बीच मतभेद पाया जाता है।

अल-सानी का कहना था कि क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए क़तर और अन्य देश ईरान और अमरीका से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि यह स्थिति हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती, इसलिए बातचीत के द्वारा वर्तमान समस्या का समाधान निकालना ही होगा।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने कहा, क़तर, ओमान, इराक़ और जापान ईरान और अमरीका के बीच तनाव कम कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। शेख़ अल-सानी ने फ़िलिस्तीन समस्या के समाधान के लिए अमरीका की डील ऑफ़ द सेंचरी के बारे में चेतावनी देते हुए कहा, फ़िलिस्तीनियों पर कोई भी समाधान थोपा नहीं जा सकता और क़तर हर शांति योजना का समर्थन करेगा, जो फ़िलिस्तीनियों के लिए स्वीकार्य होगी।

अमरीका जून के अंत में बहरैन एक सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें डील ऑफ़ द सेंचरी के आर्थिक भाग से पर्दा उठाया जाएगा, जबकि राजनीतिक भाग को जारी वर्ष के अंत में सार्वजनिक किया जाएगा। हालांकि फ़िलिस्तीनी पहले ही इस समझौते को ख़ारिज कर चुके हैं और 2017 में उन्होंने अमरीका से कूटनीतिक संबंध भी तोड़ लिए थे।