शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन रिजवी ने कहा कि न सिर्फ़ अयोध्या बल्कि मथुरा और कशी सहित उन सभी 11 मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दी जानी चाहिए
Rajeev Dhavan shouldn’t have done that: Wasim Rizvi, Chairman – Shia Waqf Board tells Navika Kumar on @thenewshour. | #RamMandirCountdown pic.twitter.com/FkRcilbYFf
— TIMES NOW (@TimesNow) October 16, 2019
न्यूज़ स्टेट पर छपी खबर के अनुसार, राम मंदिर पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है। अगले महीने इस पर फैसला आएगा। इस बीच शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया गया है।
Rizvi said the need for such an appeal arose after reports of Sunnis seeking permission to offer namaz on disputed structures.https://t.co/O4Erz8vTrw
— The Indian Express (@IndianExpress) October 21, 2019
लिखित जवाब में शिया वफ्फ बोर्ड ने कहा है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो ज़मीन मुस्लिम पक्षकारों दी है, वो वहां श्रीराम का मंदिर बनाने के लिए हिंदू पक्षकारों को दे दी जाए।
इससे पहले अयोध्या मामले में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा और मुस्लिम पक्षकारों ने सीलबंद कवर में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ यानी वैकल्पिक राहत को लेकर अपना लिखित जवाब सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है।
Ram temple should be built in #Ayodhya only then this dispute can end: Wasim Rizvi, Chairman, UP Shia Waqf Board.#IndiaFirst with @gauravcsawant
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सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए सभी पक्षकारों को तीन दिन के अंदर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था। अयोध्या मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर जवाब दाखिल कर दिया है।
Listen in: Wasim Rizwi, Shia WAQF Board Chairman gives his view on the VHP petition seeking nod to conduct Puja in Ayodhya. pic.twitter.com/p1OnUOMQxM
— TIMES NOW (@TimesNow) October 14, 2019
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जवाब में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दे सकता है, जो राम मन्दिर के निर्माण के बाद वहां प्रबंधन/प्रशासन को संभाले। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट प्रशासक की नियुक्ति का आदेश दे सकता है।