चुनाव जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है शिवसेना, अपने होर्डिंग प्रचार में उर्दू में लिखा बोर्ड का इस्तेमाल किया है
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए ठाकरे परिवार से पहली बार कोई सदस्य मैदान में उतरने जा रहा है। इसलिए पार्टी किसी भी तरह से कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
अपने राजनीति जीवन के शुरुआत से ही मराठी मानुस और मराठी अस्मिता के नाम पर राजनीति करने वाली शिवसेना ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में शायद अपनी विचारधारा में थोड़ा लचीलापन अपनाया है।
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि क्योंकि कि इस बार शिवसेना के प्रचार में मराठी ही नहीं कई भारतीय भाषाओं की झलक देखने को मिल रही है।
शिवसेना, भाजपा और खुद के लिए 50:50 के अनुपात में सीटों का बंटवारा चाह रही है। इसके तहत दोनों पार्टियों को 135-135 सीटें मिलेंगी और 288 सदस्यीय विधानसभा में 18 सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी जाएंगी। महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 21 अक्टूबर को होंगे और नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।