पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल चुनाव लड़कर जम्मू-कश्मीर का मुकद्दर बदलने की कोशिश करेंगे। वह संसदीय चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इसके लिए वह मुख्यधारा के किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। उन्हें हुर्रियत की विचारधारा मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर के लोगों के लिए इस्तीफा दिया हूं। उन आवाम के लिए काम करना चाहता हूं।
शाह फैसल ने खुद को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान का फैन बताया। उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि जहां तक हुर्रियत जैसी तंजीमों की बात है तो वह सिस्टम में विश्वास नहीं रखतीं, लेकिन मेरा विधायिका में पूरा विश्वास है।
हुर्रियत में शामिल होने की संभावना के बारे में एक सवाल पर फैसल ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे। क्योंकि हुर्रियत की विचारधारा उनकी विचारधारा से अलग है। उन्होंने कहा ‘मैं सिस्टम से आया एक आदमी हूं और मेरे पास अनुभव है और मेरी विशेषज्ञता शासन में है।
मुझे उन संस्थानों में कुछ करने में खुशी होगी जहां मैं एक प्रशासक के रूप में अपने अनुभव का उपयोग कर सकता हूं। हुर्रियत का चूंकि चुनाव की राजनीति में विश्वास नहीं है इसलिए मुझे लगता है कि इस समय मैं ऐसा करने में सक्षम नहीं हो सकता हूं।’ हालांकि उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि कश्मीर समस्या के समाधान में हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह अगला कदम उठाने से पहले राजनीतिक दलों सहित सभी समान विचारधारा के लोगों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। कश्मीर में हम सबको एक साथ आने की जरूरत है।
हम संकट की स्थिति में हैं। यह लोगों की कब्र पर राजनीति करने का समय नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव लड़ेंगे? फैसल ने कहा कि मुझे आगामी चुनाव लड़ने में खुशी होगी।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में राजनीति की जो स्थिति रही उसने युवाओं को इसकी ओर आकर्षित नहीं किया। हमें इसे बदलने की जरूरत है। मैं हमारी समस्याओं के समाधान के लिए संसद का उपयोग करना चाहता हूं।
साभार- ‘अमर उजाला’