देश खत्म नहीं हो रहा है जाती भेदभाव, नाई का समाजिक बहिष्कार!

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देश में आज भी जाति को देखकर काम किए जाने की सूचना निंदनीय है। मौके-मौके पर ऐसी कई खबरें सामने आती रही हैं, जहां समुदाय देखकर व्यवहार किया जाता है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, जाति के निचले पायदान पर खड़े समाजों, खास तौर से दलित समुदाय के लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है।

 

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन उनपर अत्याचार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

 

वहीं, अब तो एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एससी एसटी समुदाय से लोगों के बाल काटने पर भी महाभारत छिड़ गई है। यह ताजा मामला कर्नाटक के मैसूर जिले का है।

 

मैसूर जिले के नंजनगुड तालुक के हालारे गांव में एक परिवार हेयर-कटिंग सैलून चलाता है, जिसका कथित तौर पर सामाजिक रूप से बहिष्कार किया जा रहा है और गांव के नेताओं द्वारा उनसे 50,000 रुपये का जुर्माना देने को कहा गया है।

 

आपको इसके पीछे का कारण जानकर हैरानी होगी कि ऐसा सब सिर्फ नाई द्वारा एससी एसटी समुदाय से लोगों के बाल काटने पर हुआ है। नाई का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी मुझे परेशान किया गया।

 

मल्लिकार्जुन शेट्टी(नाई) ने बताया, ‘यह मेरे साथ तीसरी बार हुआ है। मैंने पहले भी भुगतान किया है। एससी-एसटी समुदाय के सदस्यों को बाल काटने पर राजी होने के लिए चन्ना नाइक और अन्य लोगों द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है।’

 

शेट्टी ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और उन्होंने कहा है कि अगर समस्या हल नहीं हुई, तो मेरे परिवार को आत्महत्या करनी पड़ेगी।