नचिकेता: सिर्फ़ स्टार ही नहीं, बल्कि शालीनता के साथ एक शिष्टाचार का भी नाम है। बांग्ला संगीत का सबसे मशहूर नाम जो कभी वक्त से समझौता नहीं किया बल्कि समय ने नचिकेता के साथ चलना पसंद किया।
अब्दुल हमीद अंसारी, कोलकाता: नचिकेता एक ऐसा नाम है जिससे पश्चिम बंगाल में संगीत की पहचान होती है। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं क्योंकि नचिकेता के संगीत और गाये गानों ने कोलकाता में एक नयी पहचान बनाई।
26 साल के लंबे सफ़र में उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया। बांग्ला संगीत को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए नचिकेता ने नये नये अंदाज़ में म्युजिक दिया। एक अलग अंदाज़ का गाना लोगों के सामने पेश किया।
नचिकेता के तकरीबन गाने ऐसे हैं, जिसमें आपको सवालों के अंबार मिलेंगे। गानों में एक अलग सा अंदाज़ सुनने को मिलेगा।
दि सियासत डेली डॉट कॉम से बात करते हुए नचिकेता ने कई सवालों पर अपनी राय पेश किए। सवाल सिर्फ़ संगीत से जुड़े नहीं थे, बल्कि देश से जुड़े कई अहम मुद्दों पर हमने बात की है। उन्होंने हर सवाल का जवाब अपने बेबाक अंदाज़ में दिए।
नचिकेता ने बताया कि वे क्रांतिकारी ख्याल भी रखते हैं। और अपने क्रांतिकारी भावनाओं को संगीत के जरिए लोगों तक पहुंचाते भी हैं।
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उनके गानों को अगर सुनेंगे तो जिन्दगी से जुड़े कई पहलुओं की झलक महसूस होंगे। उनका एक गीत ‘वृद्धा आश्रम’ एक वह सच्चाई है जिसे कोई इंकार नहीं कर सकता है। नचिकेता ने अपने कलम, संगीत और आवाज़ से दुनिया के सामने ‘वृध मां- बाप’ और बेटे के कड़वे रिश्तों को दुनिया के सामने उजागर किया।
https://youtu.be/2SsglpexdZM
इस गाने को सुनने के बाद हर इंसान को महसूस होने के लिए मजबूर कर देगा कि यह जो कहानी है, उसे हम अपनी जीवन से जोड़कर देख सकते हैं।
https://youtu.be/paeKdLAdpqY
ऐसा नहीं है कि नचिकेता ने मोहब्बत के यानी रोमान्टिक गाने नहीं दिए, बल्कि इज़हार- ए- मोहब्बत करने का एक अलग अंदाज़ बताया।
‘तुमी आसबे बोले’ गाने ने तो एक छाप सा छोड़ गया। ‘तुमी की आमाए भालो बासो’ ने तो अपने जमाने में प्यार में इज़हार करने का ब्रैंड बन गया।
https://youtu.be/CpU6UN8Pl78
नचिकेता से हमने सियासत यानी पॉलिटिक्स से भी जोड़कर भी कई सवाल किया। जवाब में उन्होंने कहा कि दीदी यानी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से करीबी संबंध हैं। हमने साथ कई रैलियां भी की है। मगर उन्होंने साफ़ कहा कि मेरा मकसद कोई लालच नहीं है।
नचिकेता ने कहा कि हम सिर्फ़ एक इंसान होने के नाते अपना कर्तव्य निभाते हैं और निभाने की कोशिश करते रहेंगे।
जब हमनें मुम्बई जाने को लेकर सवाल किए तो उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं इस मकाम को पाकर। मैं वक्त नहीं दे सकता जो कि देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में कई खास दोस्त हैं।
इशारों- इशारों में नचिकेता ने जेएनयू के मामले पर भी बात की। उन्होंने नाम नहीं लिया किसी का मगर उन्होंने कहा कि अगर छात्र यानी स्टूडेंट्स सवाल नहीं करेंगे तो देश कैसे चलेगा। उन्होंने साफ़ कहा कि ये देश एकजुटता का प्रतीक है। इससे कोई नहीं तोड़ सकता है।
नचिकेता ने एक अहम बात कहा कि हम जात- पात को बिल्कुल नहीं मानते और ना ही नफ़रत फैलाने वालों को पसंद करते हैं। हम एक हैं और रहेंगे।
आखिर में सियासत डॉट कॉम के रिडर को मैसेज देते हुए शुभकामनाएं दी और एकजुट रहने की सलाह दी।