कोहिमा : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे नागालैंड को ‘अशांत और खतरनाक क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) की धारा 3 के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करके यह निर्णय लिया है। आदेश के अनुसार, नागालैंड को 30 दिसंबर, 2018 से छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। म्यांमार की सीमा से सटे नागालैंड को आंतरिक विद्रोह और आतंकवादी गतिविधियों के कारण पहले भी कई बार अशांत क्षेत्र घोषित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि AFSPA सुरक्षा बलों को कहीं भी ऑपरेशन चलाने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की राय है कि पूरा नागालैंड राज्य क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।
अधिसूचना में कहा गया है, “ऐसे मामले में, सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (1958 की संख्या 28) की धारा 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने घोषणा की कि संपूर्ण नागालैंड राज्य उद्देश्य के लिए है। कानून 30 दिसंबर, 2018 से छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र होगा। ”
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नगालैंड को ‘‘अशांत क्षेत्र’’ घोषित रखने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि हत्याएं, लूट और उगाही राज्य के विभिन्न हिस्सों में जारी है। इसने वहां तैनात सुरक्षा बलों की सुविधा के लिए इस कदम को जरूरी बना दिया। पूर्वोत्तर के साथ ही जम्मू कश्मीर से विभिन्न संगठनों की ओर से विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून (आफ्सपा) को निरस्त करने की मांग होती रही है, उनका कहना है कि यह सुरक्षा बलों को ‘‘व्यापक अधिकार’’ देता है।