इस साल चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ चंद्रयान विक्रम लैंडर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने उसे ढूंढ निकाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर का मलबा तलाशा है।
https://youtu.be/y0Jkk_pGFWY
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस काम में नासा की मदद की है चेन्नई के मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यन ने। नासा ने भी विक्रम लैंडर के मलबे को खोजना का क्रेडिट शनमुगा को देते हुए उनकी तारीफ की है।
शनमुगा सुब्रमण्य उर्फ शान एक मकैनिकल इंजिनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। फिलहाल, वह लेनॉक्स इंडिया टेक्नॉलजी सेंटर में टेक्निकल आर्किटेक्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। 7 सितंबर को जिस तरह से विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई उसमें इस पहलू की खोज करके शान ने काफी योगदान दिया है।
मदुरै के रहने वाले शान ने इससे पहले कॉन्निजेंट जैसी कंपनियों में काम किया था।
लैंडर की क्रैश लैंडिंग के बाद नासा के लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर द्वारा जो तस्वीरें ली गई थीं, (17 सितंबर, 14,15 अक्टूबर और 11 नवंबर) शान ने उनपर काम किया और इस तरह से उन्हें लैंडर के मलबे के बारी में जानकारी मिली।
@NASA @LRO_NASA @isro
This might be Vikram lander's crash site (Lat:-70.8552 Lon:21.71233 ) & the ejecta that was thrown out of it might have landed over here https://t.co/8uKZv7oXQa (The one on the left side was taken on July 16th & one on the right side was from Sept 17) pic.twitter.com/WNKOUy2mg1— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) November 17, 2019
शान ने बाद में इसकी जानकारी नासा को दी। कुछ ही समय में नासा ने शान की खोज की पुष्टी कर दी। उनकी खोज की पुष्टि करते हुए नासा के डेप्यूटी प्रॉजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर के इमेल का जवाब देते हुए लिखा कि विक्रम लैंडर के मलबे को खोज निकालने के लिए आपके ईमेल मिला। उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।
एलआओसी टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि बताई गई लोकेशन पर लैंडिंग से पहले और बाद में बदलाव दिख रहा है।
कैलर ने शान को उसकी मेहनत के लिए बधाई दी और कहा कि आपने इतनी मेहनत की और अपना बहुमूल्य समय निकालकर जो काम किया, उसके लिए आपको बधाई।
हमने इसका एलान करने के लिए काफी समय लगा दिया इसके लिए हम आपसे माफी चाहते हैं क्योंकि हमे पहले पूरी तरह से संतुष्ट होना था। साथ ही ये भी सुनिश्चित करना था कि सभी भागीदार इसपर अपनी टिप्पणी दें।
पूरी दुनिया को जानकारी देते हुए नासा ने ट्वीट किया कि हमारे नासा मून मिशन के लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर को विक्रम लैंडर मिला है। इसके साथ ही नासा ने इंपैक्ट साइट की एक तस्वीर जारी की है, जिसमें लैंडर की जगह को दिखाया गया है।
इसमें दो रंग की बिंदु के जरिए विक्रम की लोकेशन के बारे में बताया गया है। तस्वीर में s नाम से जिक बिंदु के बारे में बताया गया है शान ने इसी की जानकारी नासा को दी थी। शान द्वारा बताई हई मलबे की जगह लैंडर की क्रैश साइट से उत्तर पश्चिम की ओर 750 मीटर की दूरी पर है।
विक्रम लैंडर से 7 सितंबर को ही संपर्क टूट गया थाष ईसरो और नासा इसकी तलाश में लगे हुए थे।
नासा ने तो विक्रम तक सिग्नल भेजने के लिए मैड्रिड, कैलिफॉर्नियां और कैनबरा में अपने डीप स्पेस नेटवर्क ऐंटीना का भी इस्तेमाल किया था लेकिन, इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। फिर नासा ने एलआरओ का उपयोग करके चंद्रमा को साउथ पोल की तस्वीरें निकालीं।