आरएसएस का करीबी नासिक का पुजारी दुबई में गिरफ्तार

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भारत के एक महाराष्ट्रियन पुजारी, जिसे बिजनेसमेन कहना बेहतर होगा, गुरूवार को दुबई में गिरफ्तार किया गया। उसे दुबई के शाही परिवार के सदस्‍य के नाम पर पैसे जुटाने के आरोप के चलते गिरफ्तार किया गया। हालांकि गिरफ्तारी के कुछ घंटों के भीतर ही भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने उसकी जमानत कराने करने के लिए हस्तक्षेप किया।  इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुधीर प्रभाकर के आरएसएस में कितने करीबी संबंध हैं।

 

पुजारी प्रभाकर के खिलाफ शाही सदस्‍य ने खुद शिकायत की थी कि वो पूंजी जुटाने के लिए परिवार के नाम का दुरुपयोग कर रहा था। इसके अलावा पुजारी ने दुबई की रॉयल फैमिली के साथ चलाई जा रही एक कंपनी के लिए भारत से पैसा निवेश कराने का झूठा वादा भी किया था। इसके बाद भी भारतीय महावाणिज्य दूत विपुल खुद प्रभाकर की जमानत सुनिश्चित करने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे।  सीजी विपुल ने कहा कि प्रभाकर कुछ परेशानी में थे, हालांकि उन्‍होंने प्रभाकर पर लगे आरोपों के बारे में कुछ नहीं कहा। प्रभाकर जमानत पर रिहा हो गए हैं, लेकिन उनका पासपोर्ट अभी भी दुबई पुलिस के पास है। बता दें कि सीजी विपुल दुबई में ये पद संभालने से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के साथ काम कर चुके हैं।

 

फेसबुक पर मोहन भागवत के साथ फोटो

पता चला है कि पुजारी प्रभाकर दुबई में लगातार यात्राएं करता रहा है। सोशल मीडिया पर भी उसकी सक्रियता बहुत है। सोशल मीडिया पर उसने अपना नाम महंत सुधीर दास पुजारी महाराज के नाम से जाता है। उसने फेसबुक पेज पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के साथ अपनी तस्वीरें लगाई हुई हैं।

https://twitter.com/mahantpt03/status/997823263656030208?s=20

 

इतना ही नहीं मई 2018 में उसने फेसबुक और ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप शेयर की जिसमें उसने अपने दुबई स्थित  आलीशान कार्यालय को दिखाया है। उसकी संयुक्त अरब अमीरात में तीन कंपनियां, एएल बूम मरीन लॉजिस्टिक, सराहा विजन इनवेस्टमेंट और नाज़ जनरल ट्रेडिंग हैं। जिनमें से दो अब बंद हो गई हैं और सराहा विजन इन्‍वेस्‍टमेंट के लिए ही उसने भारत से इन्‍वेस्‍टमेंट लाने का वादा शाही परिवार के सदस्‍य से किया था।

सोशल मीडिया पर उसकी छवि एक मजबूत भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक और एक कांग्रेस को कोसने वाले व्‍यक्ति की है। हालांकि क्रिकेट और युद्ध-मशीनों के प्रति उसने खासी उत्साह दिखाती पोस्‍ट डाली हैं। इतना ही नहीं वो पाकिस्तान को छोड़कर, बाकी ‘इस्लामी दुनिया’ के साथ भारत की दोस्ती का कट्टर समर्थक भी नजर आता है। साथ ही  वह जम्मू और कश्मीर को विशेष संवैधानिक दर्जा समाप्त कराने के लिए भी लगातार पोस्‍ट डालता रहा है।

 

 

लड़ चुका है लोकसभा चुनाव

2006-2007 में प्रभाकर उस समय सुर्खियों में आया जब उसने दलितों के लिए नासिक में एक मंदिर खोला था। इसके बाद  वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गया और 2009 में नासिक से बसपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गया। वो विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक प्रमुख कार्यकर्ता, प्रभाकर संगठन के सलाहकार बोर्ड (मार्गदर्शी मंडल) का सदस्य भी रहा है।

 

संयोग से, यह पहली बार नहीं है कि वह कानूनी जाल में फंसा है। दिसंबर 2016 में, उससे आयकर विभाग ने एक कथित मनी ट्रांसफर रैकेट के सिलसिले में डिमनेटाइजेशन के बाद पूछताछ की थी।

 

वाणिज्य प्रभाकर में एक स्नातकोत्तर ने अपने चुनावी हलफनामे में स्वयं श्री महंत सुधीर दास महाराज, संस्कार श्री कालाराम मंदिर, पंचवटी, नासिक के प्रधान पुजारी (पुजारी वाडा) के रूप में घोषित किया था। उन्होंने उस समय कुल 23,78,441 रुपये की संपत्ति और कोई देनदारियां घोषित नहीं की थीं।

 

मंदिरों के लिए भी जुटा रहा था पैसा

ये भी पता चला है कि पुजारी प्रभाकर दुबई में 4 मंदिरों का निर्माण कराने का प्रोजेक्‍ट भी चला रहा था, जिसके लिए वो पैसा इकट्ठा कर रहा था। इसके लिए वो दुबई के भारतीय परिवारों से भी संपर्क में था, इसके अलावा भारत से भी इसके लिए पैसा जुटा रहा था।