खाड़ी देशों से भारतीयों को वतन लाने के लिए NAVY तैयार!

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कोरोना वायरस के कारण खाड़ी देशों में लाखों भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं।

 

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सरकारी सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि भारतीय नौसेना खाड़ी देशों से भारतीय नागरिकों को अगर निकालना पड़ा तो उसके लिए अपने लैंडिंग प्लेटफॉर्म युद्धपोत आईएनएस जलाश्व और दो मागर श्रेणी के युद्धपोतों को तैयार कर रही है।

 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक आईएनएस जलाश्व फिलहाल विशाखापत्तनम से बाहर है, वहीं मगर श्रेणी के युद्धपोत पश्चिमी समुद्री तट पर हैं।

 

दोनों ही युद्धपोत फिलहाल स्टैंडबाय मोड पर हैं और आदेश जारी होने के बाद दोनों ही युद्धपोत निकलने के लिए तैयार हैं।

 

सरकार ने इन युद्धपोतों को कुछ दिनों के भीतर खाड़ी देशों में जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। आईएनएस जलाश्व के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों को निकाला जा सकता है।

 

इससे पहले आई कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय नौसेना, एयर इंडिया और भारतीय वायु सेना को खाड़ी देशों में कोरोना वायरस के प्रकोप में फंसे भारतीयों को निकालने की तैयारी में लगाया गया है।

 

समाचार एजेंसी एएनआई ने मंगलवार(28 अप्रैल) को बताया कि कोरोना वायरस के कारण खाड़ी में फंसे लाखों लोगों को निकालने के लिए एयर इंडिया और भारतीय नौसेना के जहाजों को स्टैंडबाय पर रखने का आदेश दिया गया है।

 

खाड़ी में लगभग 10 अरब भारतीय हैं। इस तरह के मिशन को कब लॉन्च किया जाएगा, इस पर कोई संकेत नहीं दिए गए हैं।

 

आईएनएस जलाश्व एक पूर्व अमेरिकी नौसेना जहाज हैं, जिसे 2007 में भारतीय नौसेना द्वारा अधिग्रहित किया गया था।

 

16,000 टन से अधिक वजन के साथ, आईएनएस जलाश्व विमान वाहक पोतस आईएनएस विक्रमादित्य के बाद भारतीय नौसेना में दूसरा सबसे बड़ा युद्धपोत है। टैंकों को ले जाने में सक्षम, जलाश्व में 1,000 तक सैनिक रह सकते हैं।

 

 

भारतीय नौसेना के टैंक-लैंडिंग मगर युद्धपोत तट पर टैंक उतरने के उद्देश्य से हैं और आईएनएस जलाश्व से आकार में काफी छोटे हैं।

 

मगर श्रेणी के जहाजों का वजन लगभग 5,500 टन है। भारतीय नौसेना के पास कम से कम आठ टैंक-लैंडिंग जहाज हैं।