यूरोपीय संसद के 27 सदस्यों की टीम के जम्मू-कश्मीर दौरे पर देश में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। कई राजनीतिक दलों के नेता, पत्रकार, बुद्धिजीवी और समाज के दूसरे तबकों के लोग खुल कर इसका विरोध कर रहे हैं। वे केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठा रहे हैं।
Fantastic Choice of MEPs who suffer from a disease -Islamophobia (Nazi lovers)are going to Muslim majority Valley ,sure people will welcome them by “Ware Paeth Khoshh Paeth”
Gairon pe karam apano pe sitam, ai jaan-e-vafaa ye zulm na kar
rahane de abhi thodaa saa dharam https://t.co/e51vfc03bA— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 29, 2019
इसकी वजह यह है कि यूरोपीय संसद के सदस्यों यानी एमईपी की टीम में ज़्यादातर लोग फासीवादी और नात्सीवादी दलों से ताल्लुक रखते हैं।
ऑल इंडिया मजिलस-ए-इत्तिहाद-ए-मुसलमीन यानी एआईएमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी ने तंज करते हुए ट्वीट किया।
सत्य हिन्दी डॉट कॉम पर छपी इस खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘इन सासंदों का चुनाव वाक़ई अद्भुत है, ये सभी इसलामोफोबिया की बीमारी से पीड़ित हैं, नात्सी-प्रेमी हैं और मुसलिम बहुल घाटी जा रहे हैं। निश्चिय ही जनता उनका स्वागत करेगी। ग़ैरों पे रहम, अपनें पे सितम, ऐ जाने वफ़ा ये ज़ुल्म न कर!’