महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना वहां मिलकर सरकार बना सकती है, जबकि कांग्रेस इस गठबंधन सरकार में बाहर से समर्थन दे सकती है
Maharashtra: NCP may join Shiv Sena-led govt with Congress's outside support https://t.co/YTbd8YYLbp pic.twitter.com/104kFtpcU4
— The Times Of India (@timesofindia) November 5, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर खींचतान लगातार जारी है। भाजपा और एनसीपी शिवसेना के बीच अभी तक बात नहीं बनी है।
कांग्रेस बाहर से दे सकती है समर्थन
इस दौरान खबर आ रही है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना वहां मिलकर सरकार बना सकती है, जबकि कांग्रेस इस गठबंधन सरकार में बाहर से समर्थन दे सकती है।
NCP Chief Sharad Pawar in Delhi: I met with Mrs Sonia Gandhi in Delhi today. I briefed her on the political situation in Maharashtra. We have not discussed exactly about the formation of government. pic.twitter.com/8cITuHfE6P
— ANI (@ANI) November 4, 2019
दिल्ली से कांग्रेस की नज़र
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार गठन को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच सोमवार को दिल्ली में लंबी बातचीत हुई।
कांग्रेस का हो सकता स्पीकर
अखबार ने दावा किया है कि शरद पवार की पार्टी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एनसीपी-शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार है। कांग्रेस बाहर से समर्थन देगी। इसके अलावा कांग्रेस के ही एक नेता को विधानसभा में स्पीकर का पोस्ट दिया जा सकता है।
एनसीपी के इस नेता ने कहा, ‘हमने सरकार बनाने के लिए वहीं फॉर्मूला रखा है जो 1995 में शिवसेना-बीजेपी ने तय किया था।
महाराष्ट्र में कांग्रेस एक नेता कहा कि राज्य कांग्रेस ईकाई ने पिछले सप्ताह सोनिया गांधी को बताया था कि कांग्रेस को राज्य में भाजपा को सत्ता में रोकने के कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘बैठक के दौरान इस बात पर सहमति थी कि भाजपा को सत्ता में आने से रोका जाना चाहिए।’
उनसे जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस सेना के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होगी तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी की पहली प्राथमिकता भाजपा को सत्ता से दूर रखना है।
बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना मकसद
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने अभी सरकार में शामिल होने अथवा बाहर से समर्थन देने के मुद्दे पर निर्णय नहीं किया है परन्तु हमारी कोशिश बीजेपी को पावर में आने से रोकने की है।