गुजरात के गोधरा के रहने वाले लगभग 80 लोग इस समय पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। यह सभी भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेन सेवा रद्द होने के कारण वहां फंसे हुए हैं। इनके परिवार वालों ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह मामले का संज्ञान लें और उन्हें उनके परिवार के सदस्यों से दोबारा मिलवा दें।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, समझौता एक्सप्रेस दिल्ली से अटारी सीमा होते हुए लाहौर पहुंचती थी। ट्रेन हफ्ते में दो बार पाकिस्तान जाया करती थी। 1977 में दोनों देशों के बीच शिमला समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद यह ट्रेन शुरू हुई थी।
जिसे पाकिस्तान ने रद्द कर दिया है क्योंकि भारत ने 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने का फैसला लिया है। इसके कारण पाकिस्तान बौखला गया है और उसने गुस्से में आकर भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेनें और बस सेवा को समाप्त कर दिया है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता हाजी फिरदौस ने कहा, ‘गोधरा के अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लगभग 80 लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान गए थे। ट्रेन सेवा रद्द होने की वजह से वह वहां फंसे हुए हैं। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह उन्हें पाकिस्तान से वापस लाने में मदद करे।’
जमीयत उलामा-ए-हिंद की गुजरात ईकाई के उपाध्यक्ष मोहम्मद इदरिश घेष ने कहा, ‘यह सभी लोग प्रक्रिया पूरी करने के बाद पाकिस्तान गए थे। हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह उन्हें वापस लाए।’ वहीं गोधरा के स्थानीय निवासी मोहम्मद युसूफ ने कहा कि उनके भाई मोहम्मद अकरम उन लोगों में शामिल हैं जो पाकिस्तान में फंसे हुए हैं।
युसूफ ने कहा, ‘मेरे भाई मोहम्मद अकरम हमारे रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान गए थे। भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेन सेवा रद्द होने की वजह से वह वहां फंस गए हैं। मेरे माता-पिता काफी उदास हैं। हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह अकरम और अन्य लोगों को वापस लेकर आए।’
इस मामले पर गोधरा के तहसीलदार एचए पंजाबी ने कहा कि क्षेत्र से पाकिस्तान जाने वाले लोगों की संख्या के बारे में जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि कितने लोग पाकिस्तान गए थे और वह कब वापस आए। हम सारी जानकारी लेने के बाद इसे जिलाधिकारी को देंगे। जिसके बाद सरकार से अनुरोध किया जाएगा।’