CAA पर मलेशिया के पीएम बोले- ‘मैं गलत के खिलाफ़ बोलता रहूंगा’

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भारत द्वारा मलेशिया से पॉम ऑयल आयात बंद किए जाने से मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद परेशान हैं। मंगलवार को मोहम्मद ने कहा- भारत का कदम हमारी चिंताएं बढ़ाने वाला है लेकिन इसका समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, महातिर ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। भारतीय संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन विधेयक का भी विरोध किया।

अंदरुनी दखल करार
मोदी सरकार ने इसे देश के अंदरूनी मामलों में दखल करार दिया था। इसके बाद सरकार ने मलेशिया को सबक सिखाने का फैसला किया। भारत मलेशिया के पॉम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक देश है। सरकार ने आयात पर अघोषित रोक लगा दी।

गलत का विरोध करता रहूंगा
महातिर ने एक पोस्ट में भारत के कदम पर चिंता जताई। इससे मलेशियाई अर्थव्यवस्था और वहां के निर्यातकों को काफी नुकसान होगा। हालांकि, उन्होंने कश्मीर और सीएए पर पुराने रुख का बचाव किया। कहा, “मैं गलत बातों का विरोध करता रहूंगा। भले ही देश को इसकी आर्थिक कीमत चुकानी पड़े।

न्यूज एजेंसी से बातचीत में मलेशियाई अधिकारियों और पॉम ऑयल निर्यातकों ने माना कि भारत के इस कदम से उन्हें बहुत भारी घाटा होगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यातकों ने मलेशियाई सरकार से मांग की है कि दोनों देशों के मतभेद का कूटनीतिक हल जल्द से जल्द खोजा जाए।

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भारत के पास मलेशिया पॉम ऑयल का विकल्प इंडोनेशिया के रूप में मौजूद है। यानी मोदी सरकार देश की जरूरत का तेल इंडोनेशिया से आयात कर सकती है। ये प्रक्रिया शुरू भी की जा चुकी है। लेकिन, मलेशिया को घाटे की भरपाई करना और दूसरे आयातक खोजना बेहद मुश्किल होगा। इससे महातिर सरकार संकट में आ सकती है।

भारत बोला
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “किसी भी देश से कारोबारी रिश्तों का आधार दोनों देशों की मित्रता से जुड़ा है।” जानकारी के मुताबिक, मलेशियाई सरकार अब पाकिस्तान, फिलीपींस, म्यांमार, वियतनाम और अल्जीरिया को आयात के लिए मना रही है। हालांकि, ये सब देश मिलकर भी भारत का विकल्प नहीं बन सकते।

भारत हर साल करीब 9 लाख टन पॉम ऑयल आयात करता है। 2019 में करीब 5 लाख टन पॉम ऑयल मलेशिया से खरीदा गया। जानकार बताते हैं कि इस साल यह 1 लाख टन से भी कम हो सकता है। मलेशिया ट्रेड कांग्रेस ने दोनों सरकारों से विवाद सुलझाने की अपील की है।

उसने एक बयान में कहा- हमें उम्मीद है कि दोनों देश कूटनीतिक अहम छोड़कर इस समस्या का हल निकालेंगे। मलेशिया को जीडीपी का 2.8 फीसदी पॉम ऑयल एक्सपोर्ट से ही प्राप्त होता है। यह उसके कुल निर्यात का 4.5 प्रतिशत है।