भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के अहम मुद्दों पर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों में दलगत राजनीति से परे होकर गंभीर विचार विमर्श की परंपरा लगभग खत्म हो गई है और इस परंपरा को फिर से कायम करने की जरूरत है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि आज ऐसे नेताओं की जरूरत है जो बेबाकी के साथ, बिना किसी चिंता किए कि पीएम नाराज होंगे अपनी बात रखते हैं, बहस करते हैं।
Report: Senior BJP leader Murli Manohar Joshi said that there is need of leaders who can debate with PM @narendramodi and express views clearly without worrying about making him unhappy.https://t.co/MEt6isOL3J
— TIMES NOW (@TimesNow) September 4, 2019
जोशी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता एस जयपाल रेड्डी के निधन पर मंगलवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दलगत राजनीति से परे हटकर देशहित से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार विमर्श कर एकराय बनाने की कोशिशें थम गई हैं।
उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जैसे अहम मुद्दों पर रेड्डी एवं वामदल सहित अन्य दलों के नेताओं की मौजूदगी वाले विभिन्न नेताओं के समूहों (फोरम) का जिक्र करते हुए कहा कि इन समूहों में दलगत विचारधारा से हटकर विचार विमर्श होता था।
जोशी ने कहा, ‘कुछ मामलों में माकपा के नेता सीताराम येचुरी अपने नाम के अनुरूप ‘सीताराम’ का ध्यान रखकर हमारा (भाजपा) साथ देते थे और कभी कभी हम भी उनका (वामपंथी विचारधारा) साथ देते थे।’
उन्होंने कहा कि ‘‘ये जो एक फोरम था जिसमें एक समझ बनी थी कि विभिन्न पार्टियों के लोग कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर एकराय बनाने की कोशिश करते थे, ये कोशिशें भी कम हो गई हैं, लगभग खत्म हो गई हैं, उन्हें जागृत करने की जरूरत है।’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो देश और कुछ मामलों में विश्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन पर विचार विमर्श होना न सिर्फ जनतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि देश के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। उस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। यही रेड्डी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।