बजट 2021 और कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के विरोधी रुख ओर सवालों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे हैं।
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए सबसे पहले उत्तराखंड के चमोली त्रासदी का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है।
शायद किसी ने ऐसा सोचा होगा कि इंसानों को इन परिस्थितियों से भी गुजरना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आंदोलन जीवी आंदोलन खोजते रहते हैं। यह देश में एक नई इकाई है। इसका नाम है फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी। यह परजीवी आंदोलनजीवी हैं।
जहां कहीं भी विरोध होता है, वहां उन्हें वकीलों, छात्रों या मजदूरों का समर्थन करते हुए देखा जाता है। ऐसे लोग आंदोलन करते रहते हैं।
वे आंदोलन का बहाना ढूंढते रहते हैं। वे बिना आंदोलन के नहीं रह सकते। हमें उनकी पहचान करनी होगी। उनसे राष्ट्र की रक्षा करनी होगी।
इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत और इस दशक के लिए नए मार्ग प्रशस्त करने वाला अभिभाषण भाषण है। उनके भाषण के बहुत ताकत थी।
विपक्ष अभिभाषण सुनते संसद और लोकतंत्र की गरिमा बढ़ती। सभी को राष्ट्रपति का अभिभाषण सुनना चाहिए था। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र ऐसा नहीं जिसका विपक्ष मजाक उड़ा रहे हैं।
राष्ट्रपति का भाषण आत्मविश्वास और उत्साह से भर देने वाला था। उन्होंने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए कहा कि आज दुनिया की भारत पर नजर है।
आज पूरा देश कोरोना संकट से एक साथ मिलकर जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से जीत का श्रेय हिन्दुस्तान को जाता हैं