NEET, JEE को स्थगित करने के लिए NSUI ने PM मोदी को लिखा पत्र

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NEET  और JEE आयोजित करने के खिलाफ कोरस के बीच, NSUI ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और उपन्यास कोरोनवायरस के बीच छात्रों के जीवन के लिए खतरे का हवाला देते हुए उनके स्थगन की मांग की।

वहीँ वामपंथी छात्र संगठन भी  राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इस प्रदर्शन में कई वामपंथी छात्र संगठन शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक ये विरोध प्रदर्शन कोरोना संकट के बीच नीट, जेईई मेन और नीट परीक्षा आयोजित करवाए जाने के विरोध में किया जा रहा है. विरोध में शामिल छात्र अपने-अपने घर से ही प्रदर्शन में शामिल होंगे.

एनटीए की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग

विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र संगठन सरकार से इन तीनों राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग करेंगे. नीट की परीक्षा देश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिये आयोजित की जाती है वहीं जेईई मेन की परीक्षा का आयोजन इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिये किया जाता है. सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवाता है.

कोरोना संकट को देखते हुए ना हो परीक्षाएं’

वामपंथी छात्र संगठन आइसा के पदाधिकारी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र एन साई बालाजी ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. प्रत्येक दिन औसतन 70 हजार मरीज सामने आ रहे हैं. काफी बड़ी संख्या में लोग कोरोना की वजह से जान गंवा रहे हैं. ऐसी स्थिति में यदि परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन मुश्किल होगा.

बड़ी संख्या में इसकी वजह से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा. इस समय परीक्षा का आयोजन किया जाना समझदारी भरा फैसला नहीं है.

छात्र संगठनों की तरफ से कहा गया है कि वे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिये किसी भी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन नहीं करेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो इसलिये छात्र अपने-अपने घरों से ही प्रदर्शन में शामिल होंगे और परीक्षा के आयोजन के विरोध में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे.

छात्र संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में डाली थी याचिका

बता दूं कि बीते दिनों राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने नीट, जेईई मेन और सीबीएसई की कुछ परीक्षाओं का आयोजन करवाने का फैसला किया था. इसके खिलाफ छात्र संगठनों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके परीक्षाओं को टालने अथवा स्थगित करने की मांग की गयी थी. छात्रों की तरफ से अधिवक्ता अलख ने अपना पक्ष रखा था.

सुप्रीम कोर्ट का परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार

17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की थी. इसमें न्यायाधीश अरुण मिश्रा, न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश कृष्ण मुरारी शामिल थे. जस्टिस अरुण मिश्रा ने छात्रों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अलख से पूछा था कि आखिर कब तक परीक्षाओं को टाला जा सकता है.

जस्टिस अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना संकट की सच्चाई को कोई नहीं झुठला रहा है लेकिन लंबे समय तक परीक्षाओं को टालने से छात्रों के शैक्षणिक सत्र का नुकसान होगा. उनकी मेहनत का नुकसान होगा. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. खंडपीठ ने कहा कि सावधानी के साथ परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं. सरकार की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि परीक्षाओं को कुछ समय के लिये टाला जा सकता है लेकिन अनिश्चितकाल के लिये ऐसा करना मुनासिब नहीं होगा.

1 से 13 सितंबर के बीच आयोजित होंगी परीक्षाएं

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने 1 से 6 सितंबर के बीच जेईई मेन मेन परीक्षा का आयोजन करवाने का फैसला किया है. वहीं 13 सितंबर को नीट की परीक्षा ली जाएगी. एनटीए के मुताबिक इन परीक्षाओं के लिये तकरीबन 20 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. आशंका इसी बात को लेकर है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के परीक्षा के लिये जमा होने पर कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा रहेगा.