NIA को नहीं मिले आतंकी होने के सबूत, 4 मुस्लिम नौजवान रिहा !

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नई दिल्ली- दिसंबर 2018 में  आतंकी संगठन ISIS  से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार मुहम्मद इरशाद, रईस अहमद, ज़ैद मलिक, और मोहम्मद आज़म को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सबूतों के अभाव में उनके खिलाफ मामला वापस ले लिया है

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को एनआईए ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में अमरोहा, दिल्ली से 10 अन्य लोगों के साथ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने 14 संदिग्धों को गिरफ्तार कर बड़ी साजिश को नाकाम करने का दावा किया था. लेकिन इसके बाद 21 जून को NIA ने सिर्फ 10 आरोपियों के खिलाफ ही पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिसके चलते चार आरोपी जेल से बाहर आ गए.

“एनआईए ने अदालत में कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले, लेकिन जांच जारी रहेगी।” अखबार ने चार लोगों का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील एमएस खान के हवाले से कहा।

आतंकी आरोपों के सिलसिले में जेल में छह महीने से अधिक समय तक सेवा करने के बाद, सभी चार को इस महीने रिहा कर दिया जाएगा।

बता दें की पश्चिम उत्तर प्रदेश के अमरोहा का निवासी इरशाद एक ऑटोरिक्शा चालक है। रईस अहमद भी अमरोहा के रहने वाले हैं, एक वेल्डिंग की दुकान पर काम करते थे। ज़ैद मलिक गिरफ्तारी के समय पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में रह रहा था और आज़म ने पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में एक मेडिकल दुकान चलाता था ।