अयोध्या मामले में सभी पक्षों की ओर से बुधवार को बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। 17 नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद है। अयोध्या मामले में 40 दिनों तक चली लंबी सुनवाई आज पूरी हो गई।
#Exclusive | What Rajiv Dhawan did in Supreme Court today was not right: Dinender Das Mahant, Nirmohi Akhada tells TIMES NOW’s Mohit Bhatt. | #RamMandirCountdown. pic.twitter.com/BVTAVkkw6v
— TIMES NOW (@TimesNow) October 16, 2019
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सभी पक्षों को लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि फैसला हमारे हक में ही आएगा।
उधर, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के वकील बरूण सिन्हा ने कहा कि न्याय पर सबको भरोसा है उम्मीद की हमारे हक में फैसला आएगा. इसके बाद महंत धर्मदास के वकील वीरेंद्र चौबे ने कहा कि फैसला रामलला विराजमान के हक में आएगा, क्योंकि रामलला एक न्यायिक व्यक्ति है।
इधर, हिंदू महासभा के वकील विष्णू शंकर जैन ने कहा कि 40 दिनों तक मैराथन सुनवाई चली अब सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का इंतजार है। उन्होंने कहा कि हमने दलील अपने मेरिट पर रखी है और मुस्लिम पक्ष के वकील के पास कोई मेरिट नहीं था, इसलिए उन्होंने फ्रस्ट्रेशन में आकर नक्शा फाड़ दिया।