NIT में पढ़ रहे बाहरी छात्रों को घाटी छोड़ने का निर्देश !

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जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर अडवाइजरी और हजारों जवानों की तैनाती के बाद राज्य में सियासी हलचल भी तेज हो गई है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। उधर, राज्यपाल ने साफ किया सुरक्षा के मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं। सीमा पार पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से लगातार गोलीबारी कर रहा है। भारतीय सेना ने शनिवार को सीमा पार करने की कोशिश कर रहे 7 आतंकियों को ढेर कर दिया था।
इन सबके बीच राज्य में आशंका का भी माहौल है। हजारों लोग घाटी से निकलने की जद्दोजहद में दिख रहे हैं। बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर पर्यटकों की भीड़ है। सरकारी सूत्र ने शनिवार को बताया कि पर्यटकों को घाटी से निकलने के लिए 72 घंटे का अल्टिमेटम दिया गया है। NIT में पढ़ रहे बाहरी छात्रों को घाटी छोड़ने का निर्देश
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) श्रीनगर में पढ़ रहे बाहरी छात्रों के घाटी छोड़ने के लिए प्रशासन ने राज्य परिवहन की बसों की व्यवस्था की है। वहीं श्रीनगर के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी सभी आवासीय छात्रों को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिए हैं। घाटी में यह हलचल हजारों सुरक्षाकर्मियों के यहां पहुंचने के बाद देखने को मिल रही है। अटकलें हैं कि मोदी सरकार अनुच्छेद 35ए खत्म कर अपना चुनावी वादा पूरा कर सकती है।

अटकलों पर गवर्नर मलिक की दलील

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार की देर रात कहा था कि अमरनाथ यात्रा समाप्त करने और तीर्थयात्रियों के साथ-साथ पर्यटकों को वापस भेजने का निर्णय केवल पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा हमले की धमकी के बाद लिया गया है। एक राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल ने अपना बयान दोहराया।सत्यपाल मलिक ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की और कहा, ‘संसद सत्र अभी चल रहा है। जो कुछ होगा, चुपके से नहीं होगा। सोमवार, मंगलवार तक इंतजार कीजिए। मैंने दिल्ली में सबसे बात की है, किसी ने मुझे कोई संकेत नहीं दिया कि कुछ होने वाला है। कुछ लोग कह रहे हैं कि तीन राज्य बना दिए जाएंगे, कुछ लोग कह रहे हैं कि अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म कर दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी ऐसी कोई चर्चा नहीं की है।’