बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी के लिए बड़ी मजबूरी है?

   

बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही 1 साल का वक्त अभी बाकी है लेकिन राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। सत्ता में विराजमान नीतीश कुमार जहां पोस्टर और बैनर लगवा कर खुद को सीएम के लिए प्रोजेक्ट कर रहे हैं वहीं सहयोगी भाजपा से उनके खिलाफ कुछ आवाजें भी उठने लगी हैं।

साक्षी प्रभा पर छपी खबर के अनुसार, आरजेडी की बात करें तो वह अभी भी नीतीश कुमार को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है तो एनडीए की तीसरी सहयोगी एलजेपी नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए दिख रही है।

बिहार की राजनीतिक बयानबाजी उस समय शुरू हुई जब नीतीश कुमार ने पटना के चौराहे पर पोस्टर लगवाया ‘क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार’। इसके बाद आरजेडी ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘क्यों न करें विचार, बिहार जो है बीमार’।

हालांकि भाजपा चुपचाप इन चीजों को देखती रही लेकिन मंगलवार को पार्टी ने अचानक एक शिगूफा छोड़ दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और एमएलसी संजय पासवान ने कहा कि भाजपा ने जदयू को और नीतीश कुमार को 15 साल सत्ता में रहने का मौका दिया है इसलिए अब वह भाजपा को भी यह मौका दें। इतना ही नहीं संजय पासवान ने कहा कि अब बिहार को नीतीश मॉडल की नहीं बल्कि मोदी मॉडल की जरूरत है।

संजय पासवान के इस बयान के बाद जनता दल यू नीतीश कुमार के बचाव में आ गई और भाजपा पर कड़ा प्रहार किया। पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार किसी के रहमो करम पर मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। उन्हें जनता ने चुना है।

बयानवीरों को बड़े बोलों से बचना चाहिए। त्यागी ने आगाह किया कि ऐसे बयानों से एनडीए की चुनावी रणनीति कमजोर हो सकती है। विवाद बढ़ा तो भाजपा ने भी पासवान के बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया, हालांकि स्थिति साफ करने से पार्टी के बड़े नेता बचते रहें। पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का मानना है कि सीएम पद का फैसला चुनाव के बाद होगा।

इसका मतलब साफ है कि नीतीश को लेकर भाजपा में पहले जैसी विश्वसनियता नहीं रही। हां, भाजपा की तरफ से नीतीश के समर्थन में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जरूर आएं। सुशील मोदी ने कहा कि प्रदेश में NDA के कप्तान नीतीश कुमार हैं और वे 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कप्तान बने रहेंगे।

इतना ही नहीं, मोदी ने कहा कि जब कप्तान चौका, छक्का मार रहा है और विरोधियों को पारी के साथ पराजित कर रहा है, तो ऐसे में किसी भी बदलाव का प्रश्न कहां है। इससे पहले भी सुशील मोदी कई बार कह चुके हैं कि NDA अगला विधानसभा का चुनाव भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा।

भले ही सुशील मोदी डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हो पर यह सच है कि भाजपा के एक बड़े वर्ग का यह मानना है कि बिहार में पार्टी के उदय का वक्त आ चुका है।

पार्टी नेताओं को लगता है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 23 फीसदी वोट मिले थे और सबसे ज्यादा सीटें भी। ऐसे में पार्टी के लिए सत्ता में काबिज होने की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं। भाजपा नेताओं के उत्साह का एक और ब