निजामुद्दीन मरकज़: दिल्ली की अदालत ने 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत दी

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निजामुद्दीन मरकज मामले में मंगलवार को 122 मलेशियाई नागरिकों को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जमानत दे दी। 

 

आज तक पर छपी खबर के अनुसार, इन सभी लोगों को 10 हजार के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई। हालांकि जब तक केस खत्म नहीं होता, वे अपने देश मलेशिया वापस नहीं जा सकते।

 

अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आरोपी विदेशी नागरिकों की पेशी हुई थी।

 

आरोपी विदेशी नागरिकों पर विजा नियम उल्लंघन और कोरोना महामारी नियमों के उल्लंघन का आरोप है।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी आरोपी पेश हुए थे और आरोपी जहां रुके हुए थे, वहां क्राइम ब्रांच के अधिकारी आरोपियों के शिनाख्त के लिए मौजूद थे।

 

इस सुनवाई के दौरान मलेशिया हाई कमीशन के अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इसमें हिस्सा लिया। आरोपियों की पहचान मलेशिया हाई कमीशन के अधिकारी ने भी की।

 

अर्जी में आरोपियों ने कहा कि उन पर वीजा नियमों के उल्लंघन जैसे मामूली आरोप हैं और मरकज के जलसे के आयोजन में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

 

ऐसी सूरत में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा एस188 भी नहीं टिकती क्योंकि उन्होंने जानबूझकर सरकारी आदेशों की अवहेलना नहीं की है। वे महज मरकज के कार्यक्रम में शरीक होने आए थे।

 

बता दें, निजामुद्दीन मरकज में शामिल 30 से ज्यादा लोगों को अदालत से जमानत मिल चुकी है जिनके खिलाफ चार्जशीट दायर है।

 

लगभग सभी विदेशी जमातियों ने जमानत की अर्जी दाखिल की है। मरकज में शामिल 122 मलेशियाई नागरिकों को सत्र अदालत ने मंगलवार को 10 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. इनमें सभी लोगों ने कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी।