खाली कराने के बाद निजामुद्दीन मरकज़ को किया गया सेनेटाइज!

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दक्षिण पश्चिम दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन बस्ती और निजामुद्दीन पश्चिम के पूरे इलाके को मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने सेनिटाइज किया।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इस बीच दिल्ली पुलिस भी निजामुद्दीन मरकज से लोगों को निकालने में लगी रही। कांग्रेस नेता यास्मीन किदवई ने एक साथ कई ट्वीट्स किए और इलाके को स्वच्छ करने में लगे कर्मचारियों की तस्वीरें और वीडियो भी साझा किए।

 

उन्होंने कहा, “यह वायरस के डर का सामना करने के लिए यह कदम उठाने का समय है। निजामुद्दीन पश्चिम और हजरत निजामुद्दीन बस्ती को एक बार फिर से पूरी तरह से साफ-स्वच्छ कर दिया गया है।

 

फरहाद सूरी फारुख साहब और व्यक्तिगत जोखिम उठाने वाले सभी स्वच्छता और स्वास्थ्य कर्मचारियों को धन्यवाद, जिन्होंने डोर टू डोर जाकर अच्छी तरह से इलाके को साफ किया है।”

 

 

इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह एक आसान काम नहीं था और कुछ कार्यकर्ता नौ घंटे साइकिल चलाकर यहां के लोगों की मदद करने आए हैं।

 

इससे पहले दिन में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, चौबीस लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक ‘मौलाना’ के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया, जिन्होंने निजामुद्दीन में इस्लामिक मण्डली का नेतृत्व किया था।

 

दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम के एक बड़े इलाके की घेराबंधी की है, जहां सैकड़ों लोग धार्मिक सभा में शामिल हुए थे। इनमें से कई लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण पाए गए हैं। यहां समारोह में शामिल हुए 24 लोगों में कोरोना संक्रमण भी पाया गया है।

 

इस मुद्दे पर मंत्री जैन ने कहा कि 1,033 लोगों को विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

 

जैन ने कहा, इस मण्डली में भाग लेने वाले 700 लोगों को एकांतवास में रखा गया है, जबकि लगभग 335 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

 

जैन ने कहा कि इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग सरकार द्वारा की जा रही है।

 

दिल्ली पुलिस ने ऐसे 1830 से अधिक लोगों की पहचान की है, जो इस महीने की शुरुआत में निजामुद्दीन पश्चिम में धार्मिक मण्डली में शामिल हुए थे।

 

सूत्र ने बताया कि तमिलनाडु से 501, असम से 216, उत्तर प्रदेश से 156, महाराष्ट्र से 109, मध्य प्रदेश से 107, बिहार से 86, पश्चिम बंगाल से 73, हैदराबाद से 55, कर्नाटक से 45 लोगों की पहचान की गई है।

 

इसके अलावा रांची से 46, उत्तराखंड से 34, हरियाणा से 22, हिमाचल प्रदेश और केरल से 15, राजस्थान से 19, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से 21, ओडिशा से 15 और पंजाब से नौ लोगों ने धार्मिक मण्डली में भाग लिया था।

 

भारतीय नागरिकों के अलावा 281 विदेशी नागरिक भी धार्मिक मण्डली में शामिल हुए थे।