कश्मीर में मारे गए पश्चिम बंगाल के गरीब मजदूरों के घर वालों ने कहा कि यहां राज्य में कोई काम नहीं है, इसलिए हमारे लोग बाहर जाकर काम करते हैं
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के पांच मजदूरों की हत्या के बाद इलाके में गम पसरा हुआ है। लाश को उनके गृह राज्य में लाया जा चुका है। इसके बाद परिवार वालों ने अपना दर्द बयान किया है।
West Bengal: Bodies of 5 labours (who were killed by terrorists in Kulgam, J&K on 29 Oct) handed over to their families in Murshidabad today. State government has announced an ex-gratia grant of Rs. 5 lakhs for the kin of the deceased. pic.twitter.com/GI9dJFojPz
— ANI (@ANI) October 31, 2019
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहल नगर गांव के 5 लोगों की जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद उस गांव के निवासियों ने इरादा किया है कि वह घाटी में हालात सामान्य होने तक अपने लोगों को वहां काम के लिए नहीं भेजेंगे।
West Bengal CM Mamata Banerjee on 5 labourers from Murshidabad killed by terrorists in Kulgam: Now, entire J&K administration is in the hands of central govt. With all the precautions in place when EU parliamentarians were visiting Kashmir, how were the labourers killed? pic.twitter.com/ncmS8XH10W
— ANI (@ANI) October 31, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सेब के बागों में काम करने वाले नईमुद्दीन शेख, मुरसलीम शेख, रफीक शेख, कमरुद्दीन और रफीक उल शेख की मंगलवार रात आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पांचों के शव गुरुवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले में उनके गृह नगर लाए गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में घायल हुआ एक व्यक्ति जहीरउद्दीन शेख का अस्तपाल में उपचार चल रहा है। उसकी दो महीने पहले शादी हुई थी। सभी छह मजदूर मुर्शिदाबाद जिले के सागरडिगी इलाके के बहल नगर गांव के निवासी हैं।
बहल नगर के निवासी बीते दो दशक से नियमित रूप से काम के लिये घाटी जाते रहे हैं, लेकिन उन्होंने वहां कभी कोई परेशानी महसूस नहीं की।
घाटी में सेब के बागों में काम कर चुके नसीरुद्दीन अली (60) ने कहा, ‘हमें यकीन नहीं हो रहा कि नईमुद्दीन और मुरसलीम की हत्या कर गई है। वह हमारे पड़ोसी थे।
मेरे दो बेटे भी कश्मीर में काम करते हैं। वे पिछले सप्ताह वापस लौटे हैं। मैंने खुद भी 10-15 साल वहां काम किया है। हमने कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया।’