फलस्तीन को हक़ नहीं मिलने तक इजराइल से कोई रिश्ता नहीं- कुवैत

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कुवैत ने ज़ायोनी शासन के साथ संबंध सामान्य न करने पर बल दिया है। कुवैत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में ज़ायोनी शासन के साथ संबंध सामान्य न करने पर बल देते हुए इसे फ़िलिस्तीन के मामले में कुवैत की मूल नीति बताया।

इरना के अनुसार, कुवैत के उपविदेश मंत्री ख़ालिद अलजारुल्लाह ने शुक्रवार की रात इस बयान में फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के ख़िलाफ़ अमरीका-इस्राईल की “डी ऑफ़ द सेन्चरी” नामक योजना को लागू करने के लिए बहरैन की राजधानी मनामा में आयोजित हुए सम्मेलन की प्रतिक्रिया में कहा कि जब तक फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को पूरे अधिकार नहीं मिलते, उस समय तक इस्राईल के साथ संबंध सामान्य नहीं होंगे।

पार्स टुडे डॉट कॉम उन्होंने कहा कि मनामा सम्मेलन में कुवैत का भाग न लेना इस देश के, फ़िलिस्तीनी जनता की आकांक्षाओं के संबंध में सैद्धांतिक उसूल के तहत और कुवैती संसद के निवेदन के जवाब में है। कुवैत की संसद ने इस देश की सरकार से मांग की थी कि वह मनामा सम्मेलन में भाग न ले।

मनामा 25 और 26 जून को अमरीका-इस्राईल की “डील ऑफ़ द सेन्चरी” योजना को लागू करने के लिए आर्थिक सम्मेलन का मेज़बान था। इस योजना में पवित्र अलक़ुद्स को ज़ायोनी शासन के हवाले करने, दूसरे देशों में रह रहे फ़िलिस्तीनियों की वतन वापसी पर रोक लगाने और फ़िलिस्तीन को सिर्फ़ ग़ज़्ज़ा पट्टी और अतिग्रहित पश्चिमी तट के बचे हुए क्षेत्रों तक सीमित करने का प्रावधान है।