अर्थशास्त्र के लिए सोमवार को नोबल प्राइस की घोषणा कर दी गई है। इस साल भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभीजित बनर्जी सहित एस्तेर डफ़्लो और माइकल क्रेमर को “वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए” सम्मानित किया जाएगा।
BREAKING NEWS:
The 2019 Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel has been awarded to Abhijit Banerjee, Esther Duflo and Michael Kremer “for their experimental approach to alleviating global poverty.”#NobelPrize pic.twitter.com/SuJfPoRe2N— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 14, 2019
विकिपीडिया के अनुसार 1961 में जन्मे अभिजीत विनायक बनर्जी एक भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। वर्तमान में वह एमआईटी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। अभिजीत बनर्जी एस्तेर डफ़्लो और सेंथिल मुलैनाथन के साथ अब्दुल लतीफ़ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब के सह-संस्थापक है।
Breaking News: The Nobel prize in economic sciences was jointly awarded to 3 professors for their experimental work toward alleviating poverty https://t.co/gGSxwC6AxZ
— The New York Times (@nytimes) October 14, 2019
उनकी माता कलकत्ता में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर थी और पिता दीपक बनर्जी कलकत्ता के प्रेसिडेंट कॉलेज में प्रोफेसर थे और साथ ही वह अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख भी थे।
2019 Economic Sciences Laureates Abhijit Banerjee and Esther Duflo, often with Michael Kremer, soon performed similar studies of other issues and in other countries, including India. Their experimental research methods now entirely dominate development economics.#NobelPrize
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 14, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, बनर्जी इन्फोसिस पुरस्कार के विजेता रहे हैं। चार पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें पुअर इकोनॉमिक्स शामिल है, जिसने गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर जीता।
वह तीन और पुस्तकों के संपादक हैं और उन्होंने दो वृत्तचित्र फिल्मों का निर्देशन किया है। उन्होंने यूएन के महासचिव के पद-2015 विकास एजेंडा पर प्रख्यात व्यक्तियों के उच्च-स्तरीय पैनल में भी कार्य किया।