कुछ गैर बीजेपी सासंद वाकआउट कर तीन तलाक़ बिल को पास कराने में मदद कर सकते हैं?

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संसद के उच्च सदन में आज यानि सोमवार को तीन तलाक बिल लाया जाएगा। सरकार को आशा है कि वह इस बिल को राज्यसभा से पारित करवा लेगी। वहीं सत्ता पक्ष और विपक्ष के पास आज फिर बिल के बहाने अपनी शक्ति को जांचने का अवसर है। बिल में मुस्लिम समुदाय के पुरुषों द्वारा एक साथ तीन तलाक कहने के लिए जेल की सजा का प्रावधान किए गया है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, सरकार निचले सदन से इस बिल को पारित करवा चुकी है। उच्च सदन से बिल को हरी झंडी मिलने के लिए सरकार को गैर-एनडीए, गैर-यूपीए दलों के समर्थन के साथ ही कुछ सांसदों से वाकआउट करने की आशा करनी होगी। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने आजम खान को बुलाया है। उन्होंने भाजपा सांसद रमा देवी पर अमर्यादित टिप्पणी की थी।

एनडीए की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) विधेयक के विरोध में है। इसके कारण सरकार को थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। बिल को लेकर उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के गुस्से को लेकर कुछ अन्य दल संदेह में हैं।

सरकार के नितिनियंताओं को लगता है कि निचले सदन में जैसे विधेयक को पारित करवाते समय जदयू सांसदों ने वाकआउट कर दिया था अगर निचले सदन में भी ऐसा ही होता है तब सरकार का रास्ता सुगम हो जाएगा। अभी राज्यसभा का वास्तविक आंकड़ा 121 है।

अगर सदन में तीन तलाक बिल पर जदयू के सांसद अनुपस्थित रहे तो यह आंकड़ा गिरकर 118 हो जाएगा। इसके अलावा एआईएडीएमके और टीआरएस ने वाकआउट किया तो आंकड़ा कम होकर और नीचे हो जाएगा। आशा है कि इसी हफ्ते बिल को उच्च सदन में लाया जाएगा।