गैर कोरोना मरीजों को अस्पतालों में नहीं ली जा रही है भर्ती!

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कोरोना के कारण अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित होने से दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत लोकनायक अस्पताल से हटाकर दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित की गई किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित महिला मरीज शाहजहां को किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं लिया।

 

परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते रहे। बुधवार को मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने इलाज नहीं मिलने के कारण मौत होने का आरोप लगाया है।

 

वह जामा मस्जिद इलाके की रहने वाली थीं। किडनी की बीमारी के कारण वह करीब 11 दिनों से भर्ती थीं।

उनकी जेठानी मुशर्रफ ने कहा कि मंगलवार शाम को यह कहकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई कि इस अस्पताल में सिर्फ कोरोना का इलाज होगा। कई मरीजों को दूसरे अस्पतालों के लिए रेफर लिखकर हटा दिया गया।

 

मुशर्रफ ने कहा कि शाहजहां वेंटिलेटर पर थीं। डॉक्टरों के कहने पर मरीज को जीटीबी ले जाना पड़ा, लेकिन वहां भी भर्ती नहीं लिया गया। इसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल व एम्स भी लेकर गए लेकिन कहीं भर्ती नहीं लिया गया।

मरीज की हालत बेहद गंभीर थी। मुशर्रफ ने कहा कि उनके परिवार के साथ जो हुआ सो हुआ। और भी कई मरीज दूसरे अस्पतालों में रेफर किए गए थे।

 

उन मरीजों की क्या स्थिति हुई होगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जो हमारे साथ हुआ वह किसी और के साथ न होने पाए।

उल्लेखनीय है कि लोकनायक अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 2000 बेड की व्यवस्था की जा रही है।

 

इस वजह से इस अस्पताल में भर्ती अन्य बीमारियों के मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करने का आदेश मिला था।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आदेश के मुताबिक यहां कोरोना का इलाज हो रहा है। इसलिए मरीजों को दूसरे अस्पताल में भेजा गया।