500 रुपए के लिए नहीं बल्कि 500 साल बचाने के लिए कर रहे हैं आन्दोलन- शाहिन बाग

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नागरिकता संशोधन कानून  यानी CAA के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से यहां शाहीन बाग में चल प्रदर्शन के बीच ‘नो कैश नो पेटीएम’ के पोस्टर लगे दिखाई दिए हैं।

 

न्यूज़ स्टेट पर छपी खबर के अनुसार, ये पोस्टर उस आरोप के जवाब में लगाए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि यहां आने के लिए हर महिला को 500 रुपये दिए जा रहे हैं।

इस आरोप से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में कहा गया है कि प्रत्येक महिला को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं।

इसी वीडियो के जवाब में अब शाहीन बाग में जगह-जगह ‘नो कैश नो पेटीएम’ के पोस्टर लगाए गए हैं। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, प्रदर्शन स्थल पर ये पोस्टर यह बताने के लिए लगाए गए हैं कि न यहां कोई पैसे ले रहा है और न कोई पैसे दे रहा है।

 

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही मुमताज बताती हैं, ‘बैंक अकाउंट ट्रांसफर, ऑनलाइन ट्रांसफर और कैश ये तीनों ही तरीके से यहां पैसे देना या लेना प्रतिबंधित है।

 

प्रदर्शनकारियों के बीच लगे इस पोस्टर में भी तीनों ही प्रकार से लेनदेन की मनाही दिखाई गई है। इसके अलावा अब बार-बार शहीन बाग के इस मंच से भी प्रदर्शनकारियों को सतर्क किया जा रहा है।’

 

यहां व्यवस्था संभाल रहीं आरफा ने कहां कि जो लोग सोशल मीडिया में शाहीन बाग की औरतों को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं, ये पोस्टर्स अफवाह फैला रहे उन लोगों पर तंज और एक प्रकार का व्यंग्य है।

 

शनिवार सुबह शाहीन बाग की सड़क पर धरना देने पहुंचीं 63 वर्षीय अशर्फी ने कहा, ‘हम यहां 500 रुपये लेने नहीं आए हैं, बल्कि हम तो अपने उन 500 सालों को बचाने आए हैं, जो हिंदुस्तान की इस मिट्टी में दफन है।’

 

अशर्फी के मुताबिक, उन्हें डर है कि उन्होंने अब अगर आवाज नहीं उठाई तो आने वाले कल में उनके बच्चे मुसीबत में पड़ सकते हैं।

मालूम हो कि सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कहा गया है कि शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाएं शिफ्ट के हिसाब से आती हैं और प्रत्येक शिफ्ट के लिए हर एक महिला को 500 रुपये का भुगतान किया जा रहा है. इस वीडियो की सत्यता साबित नहीं हो पाई है।

 

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो से स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर भी किया और कहा कि इसपर अधिक बात न की जाए।

यहां मौजूद इमरान ने कहा कि सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और उस पर की जा रही चर्चा सिर्फ शाहीन बाग के प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए है।

इसलिए वह इस पर कोई बात ही नहीं करना चाहते। इस बीच दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वे शाहीन बाग की मुख्य सड़क से हट जाए।